रांची: पूरे देश में इस समय कोरोना का खतरा बढ़ रहा है. खासकर अस्पताल में रहने वाले मरीजों और डॉक्टरों के ऊपर और भी ज्यादा खतरा मंडरा रहा है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और RJD प्रमुख लालू यादव इस वक्त चारा घोटाले के मामले में झारखंड की राजधानी रांची की जेल में बंद हैं. स्वास्थ्य कारणों की वजह से लालू यादव को रिम्स अस्पताल के पेईंग वार्ड में रखा गया है.
कोरोना के खतरे का हवाला देते हुए झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहा कि लालू यादव को कोरोना होने का खतरा है. जिस वजह से उनको रिहा किया जाना जरूरी है. बादल पत्रलेख ने कहा कि ऐसे समय में जब सुप्रीम कोर्ट ने देश की अलग अलग जेलों में बंद कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का डायरेक्शन दिया है. वहीं देश के अन्य राज्यों में कैदी पैरोल पर रिहा भी हो रहे हैं. इसीलिए झारखंड के रांची में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को भी मानवीय दृष्टि से रिहा किया जाना चाहिए.
इतना ही नहीं बादल पत्रलेख ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से इस बारे में चर्चा हुई है और 12 अप्रैल को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में लालू यादव को रिहा करने का प्रस्ताव भी रखेंगे. लालू यादव की उम्र इस वक्त 70 साल के करीब है और फिलहाल किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं.
अगले कुछ महीनों बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में अगर झारखंड सरकार कैबिनेट से प्रस्ताव लाकर लालू यादव को रिहा करने का फैसला लेती है तो RJD को बिहार चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है. आपको बता दें कि लालू यादव के स्वास्थ्य और उम्र को देखते हुए RJD समर्थक भी कई महीनों से लालू को रिहा करने की मांग कर रहे हैं.