रांचीः झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के दो विधायक प्रदीप यादव और बंधू तिर्की ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात कर करके कांग्रेस को अपने समर्थन दिया. इस दौरान उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि वो अपनी पार्टी जेवीएम का विलय कांग्रेस में कर देंगे. इसके पीछे तर्क यह था कि हाल ही में हुए झारखंड चुनाव में जेवीएम तीन सीट जीतने में कामयाब रही थी किसी भी पार्टी के विलय के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.


कांग्रेस में विलय को लेकर जेवीएम विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने विलय करने की बात रखी. लेकिन, कांग्रेस के लिए यह आसान नहीं होगा क्योंकि पार्टी के अध्यक्ष बाबू लाल मराडी ने 20 जनवरी को ही विधायक बंधु तिर्की को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.


विधानसभा स्पीकर लेंगे फैसला?


निष्कासन के बाद इन दोनों विधायकों ने 23 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात की थी. ऐसे में अब पूरा दारोमदार विधानसभा स्पीकर पर होगा कि वो क्या फ़ैसला करते है.


कांग्रेस की दूसरी मुश्किल यह है जब से प्रदीप यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात की है तब से ही झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक इरफ़ान अंसारी नाराज़ चल रहे है.


कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नाराज


इरफान अंसारी ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि, अगर प्रदीप यादव को कांग्रेस में शामिल किया गया तो वो अपना इस्तीफ़ा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज देंगे. दरअसल इरफ़ान के इसके पीछे तर्क है कि जिन लोगों से हम जीवन भर राजनीतिक लड़ाई लड़ते रहे उन्हें भला पार्टी में शामिल कैसे किया जा सकता है.


फ़िलहाल जेवीएम का विलय कांग्रेस में होता नहीं दिख रहा है. पहला कारण है कि अगर स्पीकर विलय की बात को सही ठहराते हैं तो बाबू लाल मरांडी के पास कोर्ट का दरवाज़ा खुला रहेगा और दूसरी वजह है झारखंड कांग्रेस के ही नेता जो इसका विरोध कर रहे हैं.


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