रांची: झारखंड का चाईबासा जिला शायद देश का पहला ऐसा जिला होगा जहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों को जो खाना और दवा स्वास्थ्यकर्मी बांटा करते थे वो अब रोबोट बाटेंगे. इस रोबोट का नाम ‘कोबोट’ रखा गया है.
दरअसल, झारखंड के चाईबासा जिले के डीडीसी आदित्य रंजन ने तीन दिनों के अंदर लगभग 25 हजार से भी कम रुपये की लागत से एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो कोरोना पॉजिटिव मरीजों को खाना और दवा देने में सक्षम है.
रिमोट के जरिए ऑपरेट किये जाने वाले इस कोबोट में एक कैमरा लगा है जो सामने की तस्वीरों को दूर बैठकर ऑपरेट कर रहे ऑपरेटर को दिखाएगा और एक स्पीकर भी लगा है जो मरीजों को जानकारी देने के लिए लगाया गया है.
तकरीबन 30 किलोग्राम की क्षमता वाले इस कोबोट को 200 मीटर दूर बैठकर भी ऑपरेट किया जा सकता है. इतना ही नहीं जब ये कोबोट काम से वापस आए तो वॉटरप्रूफ होने की वजह से इसे पूरी तरह सेनिटाइज भी किया जा सकता है.
आज जब देश में कोरोना के मरीजों के संपर्क में आने की वजह से डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ को न सिर्फ कोरोना होने का खतरा है बल्कि कुछ तो अपनी जान भी गवां चुके हैं. ऐसे में ये तकनीक काफी हद तक स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है.
कम से कम इसके जरिए तब तक बचा जा सकता है जब तक कि मरीज के पास जाने की ज्यादा जरूरत न हो. खास बात ये है कि इसे जिले के ही आईएएस अधिकारी ने तैयार किया है और लागत भी कम है.
एबीपी न्यूज से खास बातचीत में डीडीसी आदित्य रंजन ने बताया कि 14 अप्रैल को इसका उद्घाटन होगा और वो खुद इसको ऑपरेट कर इसकी शुरुआत करेंगे. जरूरत पड़ने पर और जगहों के लिए भी ऐसे कोबोट बनाए जा सकते हैं. इससे पहले भी आदित्य रंजन ने टेलीफोन बूथ को कोरोना के सैम्पल कलेक्शन सेंटर में बदला था जिसकी लागत कम और इंफेक्शन का खतरा न के बराबर होने की वजह से काफी तारीफ भी हुई थी.
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