नई दिल्ली: बीजेपी सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह के विवादित बयान पर सहयोगी दल और विपक्ष दोनों ने निशाना साधा है. इस बीच एनडीए छोड़कर छोड़कर आरजेडी के साथ महागठबंधन में शामिल हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी गिरिराज सिंह पर निशाना साधा है. जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि गिरिराज सिंह हिंदू समाज की भावनाएं भड़काकर 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने की फिराक में लगे हुए हैं.


गिरिराज सिंह का बयान

गिरिराज सिंह ने राम मंदिर के मसले पर अल्पसंख्यकों को धमकी भरे लहजे में कहा कि जो लोग राम मंदिर का विरोध कर रहे हैं वे समर्थन में आ जाएं वरना 100 करोड़ हिंदू नाराज हो जाएंगे. अगर ये नफरत ज्वाला में बदल गई तो सोचें फिर क्या होगा? इस दौरान उन्होंने कहा, "मैं सनातन धर्म के लिए बीजेपी, मंत्री पद और सांसद पद छोड़ सकता हूं."

इतना ही नहीं गिरिराज सिंह ने अपने एक दूसरे बयान में बिहार के अकबरपुर का नाम बदलने को लेकर कहा, ''खिलजी ने बिहार को लूटा लेकिन भक्तिपुर का नाम उन्हीं के नाम पर रख दिया गया. बिहार के अकबरपुर के साथ-साथ करीब 100 जगहों के नाम बदले गए. सीएम योगी ने अच्छा कदम उठाया है. मैं मांग करूंगा की बिहार के साथ-साथ पूरे देश में मुगल से जुड़े नामों को बदला जाएं.''

उधर जेडीयू ने बीजेपी सांसद को फटकार लगाते हुए कहा कि गिरिराज सिंह को इतिहास पढ़ने की जरूरत है क्योंकि अगर वो इतिहास पढ़ लेते तो बख्तियारपुर का नाम बदलने की बात नहीं करते. सिंह के पास अपना कोई वोट नहीं है.'' वहीं आरजेडी ने कहा कि गिरिराज सिंह अंग्रेजों के दलाल और नाथूराम गोडसे के वंशज हैं. पार्टी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा, ''ये देश सबका है, ये गंगा-जमुनी तहजीब है. चुनाव आने वाले हैं इसलिए ऐसा बयान दिया जा रहा है क्योंकि राम मंदिर तो इनसे बना नहीं, राम मंदिर के लिए कितने लोगों की जान गई, इन लोगों ने साम्प्रदायिक दंगे कराये.''