नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में पीडीपी सरकार से बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद देश में राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है. बीजेपी का कहना है कि महबूबा मुफ्ती सरकार चलाने में विफल रहीं और राज्य में आतंकवाद बढ़ गया, इसलिए उन्होंने समर्थन वापस लिया. वहीं विपक्ष का कहना है कि 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की ये अवसरवादी राजनीति है. जहां एक ओर विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है तो वहीं दूर बीजेपी अपने इस फैसले को देश हित में बता रही है.


देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि बीजेपी के लिए देश हित, देश की अखंडता और सुरक्षा सबसे बड़ा संकल्प है. सरकार रहे या ना रहे, हमने सहयोग करने की पूरी कोशिश की . केन्द्र की तरफ से जम्मू-कश्मीर को एक लाख अस्सी हजार करोड़ का पैकेज दिया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मामले में महबूबा मुफ्ती सरकार को जितना सहयोग देना चाहिए, वो नहीं मिला. अगर सेना और पुलिस को छूट दी जाए तो वो किसी को भी पकड़ सकते हैं.


प्रसाद ने कहा कि पत्रकार औरंगज़ेब की हत्या हुई. अगर आज सेना को छोड़ दिया जाए तो वो पुलिस के साथ मिलकर बड़ा काम कर सकती है. कश्मीर की आवाम जानती है कि बाहर से आए आतंकवादी का क्या षड्यंत्र है. रमज़ान के दौरान सीजफायर में पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने नेटवर्क मज़बूत किया. उन्होंने कहा कि सरकार गिराने का निर्णय राजनीतिक नहीं बल्कि देश की सुरक्षा के लिए है. राजनीतिक कारणों से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में अवरोध न हो.


रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा, "बिहार को कश्मीर से न जोड़ा जाए. नीतीश कुमार से हमारा संबंध पुराना है. बिहार में हमारा गठबंधन मज़बूत है. केंद्र में भी साथ काम करना है." उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 हमारे मैनिफेस्टो में है. राम मंदिर भी बनेगा और 370 में परिवर्तन भी होगा.