श्रीनगर: इस वक़्त देश कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है. इस जंग में सबसे आगे डॉक्टर, पुलिस, पैरामेडिकल और नगर निगम स्टाफ़ मोर्चा लिए हुए है. वहीं घरों में क़ैद इस वायरस की चैन को तोड़ने का काम कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सबसे आगे मोर्चा ले रहे लोगों की मदद को आगे आए हैं.


डॉक्टरों के लिए मास्क और गाउन तैयार कर रहीं महिलाएं


श्रीनगर में एक समाज सेवी संगठन जो अभी तक सेल्फ हेल्प ग्रुप बना कर महिलाओं को अपना रोज़गार कमाने योग्य बना रहा था. लेकिन अब कोरोना संक्रमण को देखते हुए संगठन ने अपने काम में थोड़ा बदलाव किया है. 2010 में शुरू हुए WE VOLUNTEERS नाम के संगठन से सैंकड़ों महिलाएं जुड़कर स्वरोजगार कर रही हैंलेकिन आज कोरोना संकंट में अस्पतालों में मास्क और प्रोटेक्टिव गाउन की कमी को देखते हुए इस संगठन ने अपन दफ्तर को "MASK & GOWN" फैक्ट्री में बदल दिया है.  


संगठन से जुड़े मलिक आसिफ नूर के अनुसार उनके संगठन से ट्रेनिंग हासिल कर चुकी चालीस महिलाएं आज उनके इस काम में मदद कर रही हैं. हर दिन उनका संगठन श्रीनगर के विभिन्न अस्पतालों में 2-3 हज़ार ट्रिपल लेयर मास्क और 500 प्रोटेक्टिव गाउन की मुफ्त सप्लाई कर रहा है. आसिफ नूर ने बताया कि इस काम के लिए लोगों ने उन्हें आर्थिक मदद दी है.आसिफ इस काम को तब तक करेंगे जब तक कोरोना वायरस का संक्रमण ख़त्म नहीं हो जाता है.  


मसारत ने अकेले ही संभाला मोर्चा, बना रहीं मास्क

बांदिपोरे के सुम्बल इलाके में समाज कल्याण विभाग में नौकरी कर रही मसारत ने अपने पैसे से कपड़ा खरीद कर पूरे गांव में मास्क बना कर बांटे. मसारत का गांव भी कोरोना संक्रमण की चपेट में है. पूरे ईलाके में 9 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद ICDS कर्मी के तौर पर काम कर रही हैं.  


मसारत ने पिछले तीन दिनों में 400 से ज्यादा मास्क बनाये और लोगों में खुद ही जाकर बांटे. यह काम आगे भी करना चाहती हैं. लेकिन दुकानें और बाज़ार बंद होने के कारण वह ना तो ज़रूरी सामान खरीद सकती हैं और ना ही कहीं से माँगा सकती हैंलेकिन मसारत के जज्बे को देख कर शायद और लोग भी आगे आयें और आने वाले दिनों में ऐसी ही कोरोना की जंग में लड़ रहे कर्मियों और आम लोगों की मदद करें.  


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