बिहार विधानसभा में उठा जेएनयू फीस वृद्धि का मुद्दा, विपक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार को घेरा
बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया. साथ ही प्रदेश के डिप्टी सीएम सुशील मोदी के जेएनयू पर किए गए ट्वीट पर भी सवाल उठाए गए.
नई दिल्ली: जेएनयू का मुद्दा इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं ये मुद्दा बिहार विधानसभा में भी गर्म रहा. बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया. साथ ही प्रदेश के डिप्टी सीएम सुशील मोदी के ट्वीट पर भी सवाल उठाए गए. जिसमें सुशील मोदी ने जेएनयू कैंपस के बारे में विवादित टिप्पणी की थी.
कांग्रेस नेता और विधायक शकील अहमद ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि सुशील मोदी जी तर्कहीन ट्वीट करते हैं. वो 14 साल से मंत्री है. यहां जो बड़े बड़े शिक्षा संस्थाएं हैं जिसको खराब और बर्बाद कर दिया. लेकिन कुछ शिक्षा संस्थान जैसे जेएनयू जो देश के टॉप यूनिवर्सिटी में एक है और वहां फीस की बढ़ोतरी को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. जहां छात्रों का 2 हजार रुपए में उनका काम निकल जाता था वहीं अब छात्रों उसके 6 से 7 हजार रुपये देने पड़ रहे हैं.शकील अहमद ने कहा कि सुशील मोदी ने जेएनयू पर बिल्कुल तर्कहीन और विवेकहीन बयान दिया है. उन्होंने आगे कहा कि "सुशील मोदी को पता नहीं क्या हुआ है. उनके परिषद के लोग भी इसके विरोध में है तो इन्हें समझने की जरूरत है." साथ ही अहमद ने मोदी से माफी मांगने की मांग की. इस विरोध प्रदर्शन का आरजेडी और वामपंथी दलों ने भी समर्थन किया.
जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का विरोध करते हुए विपक्ष ने राज्य और केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी शिक्षा का व्यवसाय करना चाहती है. शिक्षा का प्राइवेटाइजेशन करना चाहती है लेकिन हम शिक्षा का साय नहीं करने देंगे.
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