पटना: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ज्वाइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर बिना यूपीएससी पास किए सीधी भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस फैसले का बचाव तो किया है लेकिन विरोध भी किया है. दरअसल केंद्र सरकार ने 10 पदों के लिए जो नोटिफिकेशन निकाला है उसमें आरक्षित सीटों का जिक्र नहीं है. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार के की तरफ से किसी पद की वैकेंसी में आरक्षण के नियमों का पालन होना चाहिए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान है और इसका पालन होना चाहिए. हालांकि विपक्ष के विरोध के बीच फैसले का बचाव करते हुए नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि देश में आईएएस और आईपीएस की कमी हो गई है, इसी वजह से केंद्र सरकार के सामने ग़ैर आईएएस अधिकारियों की भर्ती करने की नौबत आई है. नीतीश ने इस कमी का ठीकरा पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार पर फोड़ दिया.


वहीं विपक्ष ने इस फैसले पर निशाना साधा. तेजस्वी यादव ने पहल की आलोचना की है. बीएसपी मायावती ने आरोप लगाए कि यह मोदी सरकार की प्रशासनिक विफलता का नतीजा है. इसके अलावा आरजेडी के मनोज झा ने इस पहल को प्रतिबद्ध नौकरशाही के प्रयास के तौर पर देखा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आज कहा कि विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव के पद पर अनुभवी और पेशेवर लोगों की सीधी भर्ती करने के लिए जारी विज्ञापन को लेकर आशंका हैं.


चिदंबरम ने आज कहा, ‘‘हमें अभी और ब्यौरे के बारे में जानने की जरूरत है. देखते हैं कि हमारे अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले सरकार क्या जवाब देती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस विज्ञापन को लेकर आशंका हैं. अगले कुछ दिनों में हम इस बारे में जवाब दे सकेंगे.’’