दरभंगाः बिहार के जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव की 13 साल की ज्योति ने अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से दरभंगा पहुंचा दिया. ज्योति के इस हौसले की हर तरफ काफी तारीफ हो रही है. इसी क्रम में सदर एसडीओ दरभंगा होम क्वॉरन्टीन में रह रही ज्योति के घर पहुंचे. उन्होंने ज्योति की तारीफ करते हुए पढ़ाई के साथ हर संभव मदद करने की बात कही.


पिता और पुत्री का करवाया जा रहा है मेडिकल चेकअप


ज्योति से मुलाकात करने पहुंचे सदर एसडीओ राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि वह आज के कलयुग की 'श्रवण कुमारी' हैं. इतनी दूर से बीमार पिता को घर ले कर आई हैं. उन्होंने बताया कि ज्योति और उसके पिता का मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा है. एसडीओ ने कहा कि ज्योति की आगे की पढ़ाई जारी रखने में मदद की जाएगी. साथ ही उनके परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से चलाए जा रहे योजनाओं का लाभ भी मिलेगा.


किराया नहीं देने की वजह से मकान मालिक ने निकाला


बता दें कि ज्योति के पिता मोहन पासवान गुरुग्राम में ई रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते थे. 26 जनवरी को एक्सीडेंट होने की वजह से उनके जांघ की हड्डी कई जगहों से टूट गयी थी. पैर का ऑपरेशन हुआ था. अभी इलाज चल ही रहा था कि कोरोना की वजह से देश में लॉकडाउन हो गया. इससे उनके दवा दारू और खाने पर भी लाले पड़ गए और ऐसे में मकान का किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.


तय की 1200 किमी की दूरी


खाते में प्रधानमंत्री राहत कोष से आये ₹500 से 13 साल की ज्योति ने पुरानी साइकिल खरीदी और पिता को लेकर चल पड़ीं. अपने बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर उसने तकरीबन 1200 किमी की दूरी आठ दिनों में तय कर उन्हें सकुशल घर पहुंचाया. इस बहादुर लड़की की चर्चा हर जगह हो रही है.


सुशील मोदी के डिजिटल विधानसभा चुनाव वाले बयान पर आरजेडी का निशाना, कहा- अभी मजदूरों की चिंता करें