लखनऊ: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में करारी हार का सामना करने के बाद कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को यहां राज्य इकाई के नेताओं से मुलाकात कर हार के कारणों की समीक्षा की. सिंधिया कांग्रेस के पश्चिमी उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी भी हैं. उन्हें प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 38 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.


उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राज्य मुख्यालय में हुई इस बैठक में शामिल हुए कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि सिंधिया ने हार की संभावित वजहों को जानने के लिए जिलाध्यक्षों और नगर अध्यक्षों से बातचीत की.


दो दिन पहले ही पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रायबरेली में इसी तरह की समीक्षा बैठक की थी. इस बार चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस केवल एक सीट रायबरेली ही जीत सकी है. प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश की 42 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.



सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव जीत गयीं लेकिन उनके बेटे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी में केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से चुनाव हार गये.


कांग्रेस नेता अशोक सिंह बैठक में मौजूद थे. सिंह ने बताया कि बैठक में उन्होंने कहा कि पार्टी को हर किस्म का प्रयोग बंद करना चाहिए. उसे कार्यकर्ताओं और कैडर में विश्वास रखना चाहिए और पार्टी को अन्य दलों के साथ गठबंधन पर निर्भर नहीं करना चाहिए.


बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, श्रीप्रकाश जायसवाल, आरपीएन सिंह और सलमान खुर्शीद मौजूद नहीं थे.