लखनऊ: कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीटों पर 28 मई को हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरु होगी. कैराना उपचुनाव में बीजेपी का मुकाबला संयुक्त विपक्ष से है और सीएम योगी की साख दांव पर है.
कैराना से बीजेपी की उम्मीदवार मृगांका सिंह ने नतीजों से पहले कहा कि उन्हें अपनी जीत का भरोसा है. उन्होंने कहा कि कैराना का मतदाता बेहद जागरुक है और वो विकास, सुशासन पर ही मुहर लगाएगा.
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट पिछले काफी वक्त से सुर्खियों में थी. यहां उपचुनाव की जरूरत पड़ी क्योंकि कैराना के बीजेपी सांसद हुकुम सिंह का निधन हो गया था और नूरपूर विधानसभा के बीजेपी विधायक लोकेंद्र सिंह चौहान की सड़क हादसे में मौत हो गई थी.
कैराना में 16.09 लाख मतदाता हैं जबकि नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में 3.06 लाख मतदाता पंजीकृत हैं. कैराना में 12 प्रत्याशी तो नूरपुर से 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे.
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बीजेपी ने कैराना से हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था. उनका मुकाबला राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी तबस्सुम हसन से हुआ. तबस्सुम को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का समर्थन मिला था.
नूरपुर से बीजेपी ने दिवंगत विधायक लोकेन्द्र सिंह की पत्नी अवनी सिंह को पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया था. उनका मुकाबला गठबंधन के उम्मीदवार नईमुल हसन से हुआ. पिछले विधानसभा चुनाव में लोकेंद्र सिंह ने लगभग 79 हज़ार वोट हासिल किए थे. तब सपा के नईमुल हसन को 66 हज़ार और बसपा के गौहर इक़बाल को 45 हज़ार वोट मिले थे.
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समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती ने दोनों ही सीटों पर प्रचार नहीं किया जबकि आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने प्रचार में जान लगा दी.
ईवीएम में गड़बड़ी पर मचा बवाल
चुनाव आयोग ने उपचुनाव में मतदान के दौरान वीवीपैट मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतों को देखते हुए कैराना लोकसभा सीट के 73 मतदान केन्द्रों पर दोबारा मतदान का फैसला किया था.
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कैराना लोकसभा उपचुनाव के दौरान आरएलडी-एसपी गठबंधन के मजबूत जनाधार वाले क्षेत्रों में ईवीएम में जानबूझकर गड़बड़ी कराए जाने का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया.
एसपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में लोग वोट नहीं डाल सके. ईवीएम पर आम लोगों का भी भरोसा टूटा है. अधिकारियों ने वोट खराब करने की कोशिश की. यह लोकतंत्र के लिये खतरनाक है.
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उपचुनाव में मतदान के दौरान लगभग 150 ईवीएम में खराबी के मामले सामने आए, जिसकी शिकायत बीजेपी और सपा समेत तमाम दलों ने अपने-अपने ढंग से राज्य निर्वाचन आयोग से कर ईवीएम बदलने की मांग की. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल. वेंकटेश्वरलु ने ईवीएम में खराबी का कारण भीषण गर्मी बताया.
राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम की खराबी के पीछे साजिश के आरोप पर उन्होंने कहा, "ईवीएम खराबी के जो आरोप लग रहे हैं, वे निराधार हैं. मशीनें खराब होना टेक्निकल प्रॉब्लम है. ज्यादा गर्मी की वजह से वीवीपैट खराब हो रहे हैं."
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