भोपालः मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल के नेता कमलनाथ 17 दिसंबर को शपथ लेंगे. इससे पहले कमलनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया. दावा पेश करने के बाद एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान कमलनाथ ने कहा कि हम नया मध्य प्रदेश बनाएंगे. किसानों के मुद्दे को लेकर एबीपी न्यूज़ से उन्होंने कहा कि खेती और किसान हमारी प्राथमिकता है. कर्जामाफी को लेकर कमलनाथ ने बातचीत करते हुए कहा कि 10 दिनों में किसानों के कर्जमाफी का वादा पूरा करेंगे.
एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए कमलनाथ ने कहा, ''हम नया मध्य प्रदेश बनाएंगे. खेती और किसान हमारी प्राथमिकता है. 10 दिनों में किसानों के कर्जमाफी का वादा पूरा करुंगा.''
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर कई घंटो तक चली बैठक हुई, जहां कमलनाथ के नाम पर मुहर लगी. बता दें कि इस बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ दोनों मौजूद थे. वहां से बैठक खत्म करने के बाद दोनों नेता वापस भोपाल आए.
गांधी परिवार से नजदीकियां
कमलनाथ संजय गांधी के बहुत ही अच्छे दोस्तों में से एक थे. दोनों ने पढ़ाई एक साथ की थी. इसके अलावा कमलनाथ ने इमरजेंसी के बाद राजनीतिक संकट में फंसे गांधी परिवार और इंदिरा गांधी के साथ रहे. यही कारण कारण है कि गांधी परिवार ने हमेशा उन्हें अपना माना.
'बुरे समय' में इंदिरा गांधी के साथ खड़े होने के कारण ही वह उनके गुड बुक्स में आ गए थे. साल 1980 में जब पहली बार कांग्रेस ने उन्हें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से चुनावी मैदान में उतारा था तब प्रचार करने खुद इंदिरा गांधी पहुंची थी. प्रचार के दौरान उन्होंने राजीव और संजय गांधी के बाद कमलनाथ को तीसरा बेटा बताया था.
हवाला कांड और सिख दंगों में आ चुका है नाम
कई बार केंद्र में मंत्री रहे कमलनाथ का नाम 1984 में हुए सिख दंगा और 1996 के हवाला कांड में नाम आ चुका है. हालांकि कई अहम मंत्रालयों के मंत्री रहने के बाद भी कमलनाथ का नाम किसी अन्य विवादों में नहीं आया है और ना ही उन पर भ्रष्टाचार के कोई संगीन आरोप लगे हैं.
एक बार चुनाव हार चुके हैं कमलनाथ
अपने क्षेत्र छिंदवाड़ा के लिए विकास पुरुष कमलनाथ एक बार यहां से चुनाव हार चुके हैं. हालांकि जब साल 1996 में कमलनाथ पर हवाला कांड के आरोप लगे थे तब पार्टी ने उनके बदले उनकी पत्नी अलकानाथ को टिकट दिया था. अलकानाथ इस चुनाव में जीत गई थी. हालांकि बाद में उन्होंने अपने पति कमलनाथ के लिए इस सीट से इस्तीफा दे दिया था.
पत्नी के इस्तीफे के बाद कमलनाथ कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार सुंदर लाल पटवा ने उन्हें करारी शिकस्त दी थी. बस यही एक चुनाव है जिसमें वह हार गए बाकी अन्य सभी चुनाव को कमलनाथ अपनी झोली में डालते रहे.
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