भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार मॉब लिंचिंग को रोकने लिए जल्द कानून बनाने जा रही है. मॉब लिंचिंग पर कानून बनने के बाद फर्जी गौरक्षकों की खैर नहीं है. कानून का मसौदा तैयार कर विधानसभा में पेश कर दिया है. इसके पारित होते ही गाय के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून बनाने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा.


गौवंश वध प्रतिशेष संशोधन विधेयक के नाम पर विधानसभा में रखे गये विधेयक में अब गौवंश के परिवहन करने वाले संबंधित व्यक्ति को एसडीएम, तहसीलदार एनओसी या परमिट देंगे. इस एनओसी या परमिट को वाहन पर लगाकर ले जाना होगा, इसका फायदा ये है कि इससे पता चल जाएगा की ये सुरक्षित है और गलत काम के लिए नहीं ले जा रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद अगर कोई हिंसा या मारपीट करता है तो फिर उसके लिए कड़ी सजा और जुर्माने दोनों का प्रावधान रखा गया है.


सरकार ने विधेयक सदन में रख दिया है, चर्चा के बाद ये आज-कल में पारित हो जायेगा और राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही कानून का रूप ले लेगा. मध्य प्रदेश में अभी जो कानून लागू है उसके तहत गौवंश की हत्या, गौ मांस रखने और उसके परिवहन पर पूरी तरह रोक है.


इसे लेकर मध्य प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, "सिवनी में एक महिला समेत तीन युवकों की बेरहमी से पिटाई हुई, ये पिटाई गौमांस ले जाने के शक पर की गई थी. अब ऐसी तस्वीरें ना दिखें, इसलिये मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा जहां गाय के नाम पर मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनने जा रहा है." हालांकि बीजेपी को लगता है, सरकार राजनीतिक दुर्भावना से काम कर रही है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इसे लेकर कहा, "इससे गौवंश के काम में लगे लोगों के धंधे बंद हो जायेंगे."


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