इंदौर: मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को सलाह दी कि उन्हें लंबित कामों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को चिट्ठियां लिखने के बजाय फोन कर सीधे आदेश देना चाहिये. उन्होंने कहा, "पत्र लिखना तो विपक्ष का काम है. दिग्विजय प्रदेश में हमारे सबसे वरिष्ठ नेता हैं. उन्हें (लम्बित कामों को लेकर) हम मंत्रियों को फोन कर सीधे आदेश देना चाहिये. सूबे का हर मंत्री उनके सामने दंडवत है."


वर्मा को मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी समर्थक माना जाता है. गौरतलब है कि दिग्विजय ने कमलनाथ सरकार के मंत्रियों को हाल ही में पत्र लिखे हैं. राज्यसभा के 72 साल के सांसद ने इन बहुचर्चित पत्रों में कहा कि सूबे के मंत्रियों द्वारा उन्हें 31 अगस्त से पहले मुलाकात का वक्त दिया जाये, ताकि पता चल सके कि तबादलों और अन्य लम्बित कार्यों को लेकर उनके द्वारा उन्हें (मंत्रियों को) लिखी गयी चिट्ठियों पर क्या कार्यवाही की गयी है. वर्मा ने सूबे के प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के इस आरोप को खारिज किया कि दिग्विजय पत्र लिखकर कमलनाथ सरकार के मंत्रियों पर अनुचित दबाव बना रहे हैं. लोक निर्माण मंत्री ने कहा, "पत्र लिखना दिग्विजय की कार्यपद्धति का हिस्सा है. प्रदेश के मंत्रियों को उनके द्वारा पत्र लिखे जाने में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है."


सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, "दिग्विजय 10 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. हो सकता है कि सूबे के विकास के संदर्भ में वह कमलनाथ सरकार के जरिये उन कमियों को पूरा कराना चाहते हैं, जो उनके मुख्यमंत्रित्व काल (दिसंबर 1993 से दिसंबर 2003) में पूरी नहीं हो सकी थीं." बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने हाल के एक बयान में कयास लगाया है कि दिग्विजय प्रदेश कांग्रेस समिति के नये अध्यक्ष बन सकते हैं. इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वर्मा ने विजयवर्गीय को 'मूर्ख' कहा.


कमलनाथ सरकार के काबीना मंत्री ने कहा, "विजयवर्गीय कितने मूर्ख आदमी हैं. दिग्विजय दो बार मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और इतनी ही दफा सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वह अहम पदों पर कांग्रेस के केंद्रीय संगठन में भी काम कर चुके हैं. दिग्विजय का मौजूदा कद प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के पद से बहुत बड़ा है."


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