इंदौर: मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के राज में किसानों को कर्ज बांटने की आड़ में करीब 2,000 करोड़ रुपये के घोटाले के सुराग मिलने का दावा करते हुए सूबे की नवगठित कांग्रेस सरकार ने सोमवार को कहा कि वह इस मामले की विस्तृत जांच करायेगी. प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा, "राज्य की पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान किसानों को कर्ज बांटने की आड़ में बड़ा घोटाला सामने आया है. खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ का भी इस सिलसिले में बयान आया है कि लगभग 2,000 करोड़ रुपये का कर्ज किसानों के नाम पर कागजों पर बांट दिया गया. बैंक प्रबंधकों और सरकारी तंत्र से जुड़े लोगों ने इस राशि का गबन कर लिया."


बच्चन ने कहा, "पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के राज में किसानों को कर्ज बांटने के नाम पर किये गये इस घोटाले से जुड़े तमाम मामलों की जांच करायी जायेगी. इन मामलों से जुड़े हर व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी."


प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने रविवार को कहा था कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के राज में किसानों को कर्ज बांटने में घोटाले के झूठे आरोप इसलिये लगाये जा रहे हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ कांग्रेस कृषि ऋण माफी को लेकर गत विधानसभा चुनावों के वक्त दिया गया अपना प्रमुख वचन पूरा नहीं कर पा रही है.


प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के इस बयान पर गृह मंत्री ने कहा, "बीजेपी इस बात को अब तक पचा नहीं पा रही है कि सूबे में कांग्रेस की सरकार आ गयी है. बीजेपी को अब तक समझ नहीं आया है कि वह सत्ता से बाहर किस तरह हो गयी." बच्चन ने यह भी कहा कि कांग्रेस अपना चुनावी वादा निभायेगी और सूबे में पिछले सालों में हुए किसान आंदोलनों के दौरान अन्नदाताओं पर दर्ज करीब 8,000 आपराधिक मामले वापस लिये जायेंगे. इन प्रकरणों की वापसी के लिये सरकारी प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है.


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पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू करने पर नये सिरे से विचार करने के कांग्रेस के एक अन्य चुनावी वादे के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने संक्षिप्त प्रतिक्रिया में कहा, "हम प्रदेश में कानूनी कसावट के लिये हरसंभव कदम उठायेंगे."


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