लखनऊ: हिंदू नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद अब उनके अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया है. कमलेश के परिवार का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नही आएंगे तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा. परिजन ज़िद पर अड़े हैं कि जबतक सीतापुर के महमूदाबाद आकर मांगें माने जाने का आश्वासन नहीं देते, तबतक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.


इस बीच में पुलिस के अधिकारी हर पहलुओं की जांच कर रहे हैं कि आख़िर ये हत्या किसने कराई है. कमलेश तिवारी की पत्नी किरण तिवारी की तहरीर पर लखनऊ पुलिस ने बिजनौर के 2 मौलानाओं मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम कासमी के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया था. दोनों गिरफ्तार भी हो गए हैं.


कमलेश के परिजनों ने सीतापुर के राम जानकी मंदिर की संपत्ति विवाद में बीजेपी नेता शिव कुमार गुप्ता की भूमिका पर भी शक जताया है. कमलेश के भतीजे ने कहा है कि बीजेपी नेता शिवकुमार गुप्ता से मंदिर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, दस दिन पहले उन्होंने कमलेश को जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं कमलेश की पत्नी का कहना है कि बीजेपी नेता शिवकुमार गुप्ता से रामजानकी मंदिर ट्रस्ट को लेकर विवाद चल रहा था. जानकारी के मुताबिक दो हमलावार थे, उन्होंने पहले कमरे में चाय पी. वो अपने साथ मिठाई के डिब्बे में बंदूक और चाकू लेकर पहुंचे थे. एक ने गला रेता और दूसरे ने गोली मार दी. कमलेश पर चाकू और बंदूक दोनों से वार किया गया.


सीतापुर में महमूदाबाद में राम जानकी मंदिर है, जिसके ट्रस्ट के अध्यक्ष कमलेश तिवारी थे. इस मंदिर की संपत्ति का विवाद कोर्ट में बीजेपी के स्थानीय नेता शिव कुमार गुप्ता से चल रहा था. शिव कुमार गुप्ता पहले बसपा शासन में बसपा में रहे, सपा शासन में सपा में रहे और योगी के सीएम बनने के बाद बीजेपी में शामिल हो गए. हालांकि एबीपी न्यूज़ ने जब कमलेश के परिजनों से शिव कुमार गुप्ता की भूमिका पर सवाल किया तो परिवार जे कहा कि ये इतना बड़ा मामला नहीं था, ऐसे में पूरा शक हिंदूवादी नेता होने की वजह से हत्या का आ रहा है.


पुलिस फिलहाल दोनों एंगल से जांच कर रही है. घरवालों का कहना है कि कुछ लोग धमकियां देते थे और सुरक्षा के इंतज़ाम भी ठीक नहीं थे. घर वालों ने बताया कि घटना के वक़्त सुरक्षाकर्मी सो रहा था.


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