लखनऊ: अखिल भारतीय हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी की हत्या में शामिल अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. इस बीच सूत्रों ने बताया है कि हत्या में शामिल दोनों शूटरों की पहचान कर ली गई है. दावा है कि हत्यारों के नाम मोईनुददीन और अश्फ़ाक हैं. दोनों 16 को उद्योगकर्मी एक्सप्रेस से लखनऊ आये थे. मास्टरमाइंड राशिद उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का रहने वाला है. अपराधियों की तलाश के लिए 60 से अधिक कैमरों की फुटेज खंगाली गई.


कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले दोनों युवक 25 फुटेज में दिखाई दिए. 22 घंटे के दौरान कुल 155 कॉल का ब्यौरा खंगाला गया है. इस मामले में पुलिस ने 150 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है. 12 अफसर समेत कुल 55 पुलिसकर्मी को मामले की तह तक पहुंचने के लिए लगाया गया है. फोरेंसिक लैब के 3 विशेषज्ञों से भी मदद ली गई है. एसपी क्राइम समेत 5 पुलिसकर्मी सूरत में पड़ताल करने पहुंचे हैं. एसआईटी गठित करने के साथ डीजीपी ने पूरे ऑपरेशन की कमान संभाली.


मालूम हो कि हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की लखनऊ के नाका हिंडोला स्थित खुर्शेद बाग में शुक्रवार को गला काटकर और गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उत्तर प्रदेश पुलिस ने सूरत जिले के तीन निवासियों समेत कुल पांच लोगों को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया. पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार को हुई इस हत्या के सिलसिले में बिजनौर निवासी आरोपियों मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक के साथ—साथ गुजरात में सूरत निवासियों फैजान यूनुस, मोहसिन शेख और राशिद अहमद को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.


तिवारी की पत्नी ने मुफ्ती काजमी और अनवारुल हक पर हत्या का नामजद मामला दर्ज कराया है. लेकिन तिवासी की मां कुसुमा तिवारी का आरोप है कि बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने गांव में मंदिर की जमीन के विवाद को लेकर उनके बेटे की हत्या करायी है.


इस बीच, पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस और गुजरात पुलिस हिरासत में लिये गये लोगों से पूछताछ कर रही है. हत्याकांड के आतंकवादी घटना होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है. मामले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया है.


परिवार वालों से मिलेंगे योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कमलेश तिवारी के परिजनों से आज सुबह 11 बजे अपने आवास पर लखनऊ में मुलाकात करेंगे. लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या को भय फैलाने की हरकत करार देते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भय फैलाने के मकसद से किया गया कार्य है. इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनमें से तीन को गुजरात में पकड़ा गया है. मामले की जांच के लिए विशेष दल गठित किया गया है. प्रदेश में भय और आतंक का माहौल बनाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा और उनकी योजनाओं को ध्वस्त किया जाएगा ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ना ही इसमें शामिल लोगों को बख्शा जाएगा.


विपक्षी पार्टियां कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ''मृतक की मां कह रही है हमें समाजवादी सरकार में सुरक्षा मिली थी, आजम खान के जमाने में हमें गनर मिले थे लेकिन इस योगी सरकार ने हमें सुरक्षा नहीं दी और उसी का परिणाम है कि हमारे बेटे की हत्या हो गई.''


यूपी में 'जगंल राज', तिवारी की हत्या के मामले में हो कार्रवाई- कांग्रेस