पटना: जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ बिहार यात्रा पर निकले हैं. आज पटना के गांधी मैदान से उन्होंने ये यात्रा शुरू की. कन्हैया कुमार की ये यात्रा पूरे एक महीने तक चलेगी. वे एक महीने में बिहार के सभी 38 जिलों में घूमकर रैली करेंगे. किसी पार्टी की तरफ से नहीं बल्कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर विरोधी मोर्चा के तहत यह यात्रा निकाली जा रही है.
कन्हैया कुमार न कहा कि सीएए पर सरकार भ्रम फैला रही है लेकिन नक़ाब जल्द हटेगा. साथ ही सवाल उठाया कि बीजेपी अनुराग ठाकुर और जम्मू कश्मीर पुलिस के निलंबित देवेंदर सिंह पर देशद्रोह का मुक़दमा क्यों नहीं किया गया? उन्होंने सवाल किया कि 1999 में जब बीजेपी की सरकार बनी तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. साल 2003 में ही नागरिकता संशोधन पास कर दिया गया था तो फिर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून क्यों लाना पड़ा? उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि असम में एनआरसी में हुआ तो पाया गया कि जिन 19 लाख लोगों का नाम बाहर हुआ उसमें करीब 15 लाख लोग गैरमुस्लिम हैं. तब बीजेपी को लगा कि इससे तो हिंदू दुखी हो जाएंगे, हिंदू हृदय सम्राट का जो नकाब है वो हट जाएगा.
कानून के हिसाब से CAA की कोई जरूरत ही नहीं- कन्हैया
कन्हैया कुमार ने कहा कि हमारा कानून पहले से ही हर किसी को नागरिकता देने की बात करता है. कोई भी व्यक्ति भारत मे आकर शरण मांगेगा तो उसको शरण दी जाएगी. हमारे कानून पर भरोसा जताएगा, संविधान पर भरोसा जताएगा तो उसे नागरिकता दी जाएगी, ऐसा कानून पहले से था. सिर्फ भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए CAA का पासा फेंका गया है. हमारे कानून के हिसाब से CAA की कोई जरूरत ही नहीं है.
छात्र नेता ने कहा कि 2003 के कानून के हिसाब से पहले NPR होगा. जब नोटबंदी हुई थी तो उसमें कहा गया था कि काला धन समाप्त होगा. जिन लोगों का नोटबंदी का विरोध किया तो उन्हें कहा गया कि वह कालेधन का समर्थन कर रहे हैं. उसी तरह से आज कहा जा रहा है.
अनुराग ठाकुर पर देशद्रोह का मुकदमा क्यों नहीं?
शरज़ील इमाम की भड़काऊ भाषण देने के आरोप में हुई गिरफ़्तारी पर कन्हैया ने सवाल उठाया. कन्हैया ने कहा कि अनुराग ठाकुर ने भरी सभा मे गोली मारने की खुलेआम धमकी दी तो इलेक्शन कमीशन ने उनके खिलाफ एक्शन लिया. उन पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं किया गया. देवेंदर सिंह जो कि पुलवामा अटैक में आतंकवादियों के साथ देते पकड़े गए तो उन पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं दायर किया गया?
कन्हैया कुमार ने कहा कि शरजील के साथ उनके से वैचारिक मतभेद हैं. आप उनके भाषणों को सुन लीजिए, वे हमारे खिलाफ भी भाषण देते हैं. लेकिन कानून की बात करें तो जो सही चीज़ है उसी की बात करनी चाहिए. देश में किसी को भी हिंसा भड़काने की इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा, ''देशद्रोह के आरोप मेरे ऊपर भी लगे. मेरे वीडियो तोड़ मरोड़ के पेश किए गए, चार साल हो गए हैं. अभी तक उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.''
इसके आगे कन्हैया ने कहा, ''कहा यह जाता है कि अरविंद केजरीवाल परमिशन नहीं दे रहे हैं. जब देशद्रोह बनता ही नहीं है तो देशद्रोह कैसे दे दिया जाएगा. एक बात स्पष्ट है कि कोई इंसान भड़काऊ भाषण देता है तो उसके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मुकदमे हो सकते है. अभी कर्नाटक में स्कूली बच्चों पर देशद्रोह लगा दिया गया है. मैं कहना चाहता हूं कि देशद्रोह जैसे गंभीर आरोपों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा तो यह हमारे देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है.''
शरजील इमाम पर निष्पक्ष होकर पुलिस जांच करे- कन्हैया कुमार
शरजील इमाम की गिरफ़्तारी पर कन्हैया ने कहा कि पुलिस से निष्पक्ष जांच करने की अपेक्षा है. मैं कानून का समर्थक व्यक्ति हूं. मुझे इस देश के न्याय पर भरोसा है और तमाम आरोपों के बावजूद मुझे इस बात की उम्मीद है कि पुलिस बिना राजनैतिक दवाब के, सत्ता में बैठी हुई पार्टी को चुनावी लाभ पहुंचाने के ख्याल से नहीं बल्कि क्या सही है, क्या गलत है इसकी पूर्ण जांच करेगी. दूध का दूध,पानी का पानी हो जाएगा.’