राष्ट्रद्रोह कानून खत्म करने के कांग्रेस के वादे का कन्हैया कुमार ने किया समर्थन
भारतीय दंड संहिता में धारा 124-ए को 'सेडिशन ’नाम दिया गया है. यह एक गैर जमानती जुर्म है और इसके लिए 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है.
Lok Sabha Election 2019: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी किए गए अपने घोषणा पत्र में कहा है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वे राष्ट्रद्रोह कानून को खत्म कर देंगे. अब जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने इसका समर्थन किया है. बता दें कि यह धारा तब चर्चा में आई थी जब कन्हैया पर देशद्रोह का आरोप लगा था.
कन्हैया कुमार ने कहा, ''राष्ट्रद्रोह का कानून ब्रिटिश राज का 'काला कानून' कहते हैं. सिर्फ मेरे ऊपर ही राष्ट्रद्रोह का मुकदमा नहीं हुआ बल्कि सिटिजनशिप बिल का विरोध करने वालों पर भी ये मुकदमा किया गया. ऐसा नहीं है कि सिर्फ आज की सरकार ही राष्ट्रद्रोह के कानून का नाजायज़ फायदा उठाती है बल्कि आज़ादी के बाद से ही इस कानून का दुरुपयोग होता रहा है.''
इसके आगे कन्हैया ने कहा, ''महात्मा गांधी और भगत सिंह से लेकर आज तक सरकारों ने इस कानून का दुरुपयोग ही किया है. अगर कांग्रेस पार्टी ये कह रही है कि वो इस कानून को खत्म करेगी तो अब ये देखना होगा कि लोग इसपर कांग्रेस को कितना समर्थन मिलता है लेकिन निश्चित तौर पर जो लोग इस कानून का विरोध करते हैं वो इस वादे का समर्थन करेंगे.''
क्या देशद्रोह का कानून
भारतीय दंड संहिता में धारा 124-ए को 'सेडिशन ’नाम दिया गया है. इस कानून के तहत देशद्रोह को विस्तृत और व्यापक रूप में बताया गया है. इस कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति बोलकर, लिखकर या संकेतों के द्वारा या फिर किसी और माध्यम से सरकार के खिलाफ नफरत, अवमानना या असंतोष भड़काता है तो वह देशद्रोह कहलाएगा. साथ ही देश को नुकसान पहुंचाने, राष्ट्रीय चिह्नों का अपमान करने, संविधान को नीचा दिखाने पर भी यह कानून लागू होगा. यह एक गैर जमानती जुर्म है और इसके लिए 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है.
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