कानपुर: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के गठन के बाद अगर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है तो उसमें समाजवादी पार्टी का नाम सबसे उपर है. शिवपाल सिंह यादव की पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और लगातार कार्यकर्ताओं का पार्टी से टूट कर अलग होने की वजह से समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में हासिये पर चली गयी है. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी कमजोर होती चली जा रही है. मंगलवार को कानपुर में सपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने शिवपाल सिंह यादव से मिलकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. 7 वरिष्ट पदाधिकारियों के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सपा से नाता तोड़ लिया. यह सभी वो जमीनी पदाधिकारी हैं जिनसे हजारों की संख्या में कार्यकर्ता जुड़े हैं.


कानपुर की कल्यानपुर विधानसभा क्षेत्र से सपा के मंडल अध्यक्ष रहे हरी कुशवाहा, पूर्व जिला सचिव मोहम्मद यामीन खान, महासचिव विधानसभा कल्यानपुर महेंद्र तोमर, पूर्व जिला सचिव राजेश यादव, कल्यानपुर विधानसभा सचिव राजेश कटियार, पूर्व अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग कानपुर ग्रामीण शमीम मोहम्मद, वार्ड 52 अध्यक्ष शिवेंद्र तिवारी के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का सदस्यता ग्रहण कर ली.


दरसल कल्यानपुर विधानसभा सीट बीते कई वर्षों से इन्हीं कार्यकर्ताओं के दम समाजवादी पार्टी के पास रही थी. 2012 के विधानसभा चुनाव में इन्हीं कार्यकर्ताओं ने अपने दम पर दिन रात मेहनत कर समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट सतीश निगम को जीत दिलाई थी. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त मेहनत की थी लेकिन बहुत कम अंतराल से सपा के हाथ यह सीट निकल गयी थी. बीजेपी की नीलिमा कटियार ने सपा के सतीश निगम को हरा कर जीत हासिल की थी.


जितने भी पदाधिकारियों ने सपा छोड़ी है जमीनी स्तर के नेता रहे हैं. संभावना है कि यह 7 पदाधिकारी अपने साथ हजारों कार्यकर्ताओं को लखनऊ में 9 दिसंबर को होने वाली महारैली में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की शपथ दिलायेंगे.


शिवपाल यादव फैंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आशीष चौबे और कानपुर ग्रामीण जिलाध्यक्ष शिव मोहन सिंह चंदेल के नेतृत्व में सपा के सभी पदाधिकारियों को शिवपाल सिंह यादव से मिला कर उन्हें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलायी गयी.


फैंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आशीष चौबे ने बताया कि यह सभी सातों पदाधिकारी समाजवादी पार्टी के सक्रिय सदस्य थे. लेकिन बीते एक साल से सभी पदाधिकारी उपेक्षा का शिकार थे. क्योंकि कल्यानपुर विधानसभा सीट सपा के हाथ से निकल चुकी थी. हार की जिम्मेदारी इन्हीं कार्यकर्ताओं के सिर आई थी. सपा इन सभी पदाधिकारियों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं कर रही थी. यह ऐसे पदाधिकारी हैं जिनकी एक आवाज पर हजारों की संख्या में लोग इकठ्ठा हो जायें.


उन्होंने बताया कि कानपुर से अभी बहुत ऐसे अन्य सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता हमारे संपर्क में हैं. वो सभी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया में शामिल होंगे. यह एक मात्र ऐसी पार्टी है जहां पर बड़े नेताओं से लेकर छोटे कार्यकताओं को बराबर का सम्मान दिया जाता है. लखनऊ के रमाबाई नगर में 9 दिसंबर को होने वाली महारैली में पूरे उत्तर प्रदेश से लगभग 10 लाख लोग इकठ्ठा हो रहे हैं. शिवपाल यादव फैंस एसोसिएशन पूरे प्रदेश से कार्यकर्ताओं को इकठ्ठा कर रहा है. सभी जनपदों में इसके लिए बैठकों का दौर जारी है फैंस एसोसिएशन अपनी ताकत 9 दिसंबर को दिखायेगा.