बर्रा थाना क्षेत्र स्थित बर्रा 5 में रहने वाले किशन भट्ट एमआर है. किशनबर्रा के शास्त्री चौक स्थित लाला बहादुर शात्री की प्रतिमा के नीचे बीते शनिवार को एक बैनर लगाकर आमरण अनशन पर बैठ गया. बैनर में लिखा हुआ है ''बीजेपी हटाओ देश बचाव एससी/एसटी एक्ट में संसोधन करो.'' पहले लोग समझ नहीं पाए कि ये कौन शख्स बैठा हुआ है, लेकिन जब उसने पूरी रात उसी स्थान पर बिता दी और दिन में भी उसी स्थान पर बैठा हुआ मिला तो लोगों ने उससे जाकर पूछा. युवक ने बताया कि मैं तब तक आमरण अनशन पर बैठा रहूंगा जब तक इस कानून में संसोधन नहीं हो जाता है.
किशन भट्ट ने कहा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को कैसा देश बनाकर दे रहे हैं. जहां जातीवाद पर इतना कठोर कानून कि बना दिया, जिसने वो अपराध किया भी न हो तो उसे जेल की सजा कटनी पड़ेगी. उन्होंने एक उदहारण देते हुए कहा कि अगर मैं बाइक से सड़क पर जा रहा हूं, मेरी बाइक की टक्कर किसी राह चलते इंसान से हो जाये और मेरी उससे कहा सुनी हो जाये और वो इंसान अनुसूचित जाति का हो तो वो मुझ पर एससी/एसटी लगवा सकता है. राह चलते मुझे तो नहीं पता कि वो इंसान हिन्दू है, मुस्लिम है या अनुसूचित जाति का है. वोट बैंक की राजनीति में हमारे राजनेता इस तरह का अंधा कानून वो भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट कर संसद में पास करा रहे हैं.
क्या इसी दिन के लिए हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुना था. मैंने भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट दिया था, लेकिन जब से ये कानून पास हुआ है. समझ में आ गया कि ये पार्टी अब सवर्णों की नहीं रही है. अनुसूचित जाति भी इसी देश नागरिक है और हमारे भाई बंधू है उनसे भी हमारी सहानभूति है. लेकिन वोट बैंक की राजनीती ने हिन्दू समाज को भी बांटने का काम किया जा रहा है.
आने वाली पीढ़ी को हमें विकासशील नहीं बल्कि विकसित देश देने की विषय में सोचना चाहिए था. हमारे राजनेता आज भी जातिवाद का जहर घोलने का काम कर रहे हैं. हम लड़ना नहीं चाहते हैं फिर भी हमें लड़ाने की राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ भी हो मैं अपने आमरण अनशन से पीछे हटने वाला नही हूं. मैं कोई नेता नही हूं ना ही मुझे राजनीति करनी है. मैं एक आम हिन्दुस्तानी हूं और अपने हक की लड़ाई के लिए मुझे जो भी करना पड़ेगा वो मैं करूंगा.