Kanpur Encounter: सोशल मीडिया पर वायरल हुई शहीद देवेंद्र मिश्रा की चिट्ठी, पुलिस ने कहा-रिकॉर्ड नहीं
बिकरू गांव में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल है. यह चिट्ठी तत्कालीन एसएसपी आनंद देव तिवारी को लिखी गई है जो कि पुलिस रिकॉर्ड में नहीं मिली है. एसएसपी ने कहा है कि इस मामले में गहनता से जांच की जा रही है.
कानपुर: कानपुर के बिकरू गांव में पिछले हफ्ते हुई आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मास्टरमाइंड विकास दुबे और चौबेपुर के निलंबित थाना अध्यक्ष विनय तिवारी के बीच कथित संबंधों को जाहिर करने वाले मारे गए पुलिस उपाधीक्षक के पत्र का पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. वारदात में मारे गए पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा का एक कथित पत्र सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने चौबेपुर के थाना अध्यक्ष विनय तिवारी और माफिया सरगना विकास दुबे के बीच संबंध होने के गंभीर आरोप लगाए थे.
कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने मंगलवार को कहा कि मारे गए पुलिस उपाधीक्षक की तरफ से 14 मार्च को कथित रूप से लिखे गए उस पत्र का पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके कैंप कार्यालय और पुलिस दफ्तर समेत सभी जगह मौजूद कार्यालय दस्तावेजों और मिश्रा के दफ्तर के गोपनीय हिस्से में रखे तमाम रिकॉर्ड खंगाले गए हैं, लेकिन वैसे किसी पत्र का कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है. डिस्पैच और रिसीविंग रजिस्टर में भी कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि उन्होंने संबंधित लिपिकों से भी इस बारे में पूछा है लेकिन उन्होंने भी ऐसे किसी भी पत्र के बारे में जानकारी से इन्कार किया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल हुआ है उसमें न तो कोई तारीख लिखी है और न ही कोई सीरियल नंबर. एसएसपी ने कहा है कि इस मामले में गहनता से जांच की जा रही है.
सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए बिल्हौर के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक मिश्रा के कथित पत्र में कहा गया है कि माफिया विकास दुबे पर रंगदारी मांगने, धमकी देने और बलवा करने के आरोप हैं और चौबेपुर के थाना अध्यक्ष विनय तिवारी का ऐसे दुर्दांत अपराधी के प्रति नरमी दिखाया जाना उनकी अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाता है. पत्र में यह भी कहा गया है कि सूत्रों के जरिए मालूम हुआ है कि थानाध्यक्ष तिवारी अक्सर विकास दुबे के घर जाया करते थे और उससे लगातार संपर्क में थे. अगर तिवारी ने अपने काम का तरीका नहीं बदला तो कोई बहुत बड़ी घटना घट सकती है.
पुलिस को शक है कि चौबेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी ने गैंगस्टर विकास दुबे को यह बताया होगा कि पुलिस उसके घर पर दबिश देने आ रही है. 2-3 जुलाई की दरम्यानी रात करीब एक बजे बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के घर पर दबिश देने गई पुलिस टीम पर दुबे के गुर्गों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं, इस वारदात में बिल्हौर के पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.
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