कानपुर(प्रभात अवस्थी और संतोष कुमार का इनपुट). कानपुर देहात में आठ पुलिस वालों की हत्या को अंजाम देने वाले कुख्यात अपराधी विकास दुबे को ढूंढने के लिये यूपी एसटीएफ की टीम लगातार ऑपरेशन चला रही है. इसके अलावा राज्य सरकार ने विकास दुबे पर घोषित इनाम 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दिया है. यही नहीं पूरे हत्याकांड में नामजद 18 अन्य आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम रखा गया है. शनिवार को एडीजी जोन जेएन सिंह के पास इसकी रिपोर्ट बनाकर इनाम की रकम एक लाख कर दिए जाने की संस्तुति की गई है.


विकास का खास सहयोगी दयाशंकर गिरफ्तार
इस बीच पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. विकास दुबे का खास सहयोगी और पुलिस वालों पर हमला करने वाला दयाशंकर देर रात मुठभेड़ में पुलिस के हत्थे चढ़ गया. कानपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में पुलिस से मुठभेड़ के दौरान उसके पैर में गोली लग गई. घायल दयाशंकर पर भी 25 हजार का इनाम घोषित है. जानकारी के मुताबिक दयाशंकर विकास के साथ घर पर ही रहता था. पूछताछ में दयाशंकर से पुलिस को अहम सुराग मिल सकते हैं.


जिले के टॉप अपराधियों में नाम न होना सवाल खड़े करता है


विकास दुबे का दबदबा कहें या उसका खौफ पांच हत्या समेत कुल 71 केस दर्ज होने के बाद भी ये अपराधी जिले और ना ही थाने की टॉप-10 अपराधियों की सूची में था. इसके अलावा उसका गैंग भी रजिस्टर्ड नहीं किया गया था. लगभग दो दशक में कई सरकारें रहीं और तमाम अफ़सर भी बदल गए लेकिन किसी ने भी ऐसा नहीं किया.


बीते दिनों कानपुर में तैनाती पर आए एसएसपी दिनेश कुमार पी ने आते ही जिले के टॉप मोस्ट अपराधियों पर कार्रवाई की समीक्षा की और उनके आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी की, लेकिन उस वक़्त भी किसी ने उन्हें विकास दुबे के बारे में नहीं बताया.


घटना के बाद से विकास दुबे के गांव बिकरू से सैकड़ों परिवार घरों में ताला लगाकर चुपचाप भाग निकले हैं. लोगों में दहशत है कि पुलिस कहीं नजदीकी होने के नाते उनके खिलाफ भी कार्रवाई न कर दे. जो लोग गांव में हैं भी, वे घरों से नहीं निकल रहे. चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ है.


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