कानपुर: कानपुर में एक लव जेहाद का मामला प्रकाश में आया है. मल्टीनेशनल फार्मा कंपनी में मैनेजर पद के पद पर तैनात एक मुस्लिम युवक ने मध्य प्रदेश में दो युवतियों को खुद को हिन्दू बताकर उनका शारीरिक शोषण किया. एक से शादी कर और फिर तलाक दे दिया. वहीँ दूसरी युवती से सगाई कर 5 साल तक शारीरिक शोषण करता रहा. दोनों युवतियों ने हिन्दूवादी संगठनों के साथ मिलकर एसपी पूर्वी से न्याय की गुहार लगाई है.


चकेरी थाना क्षेत्र स्थित जाजमऊ में रहने वाला दानिश अली एक मल्टीनेशनल फार्मा कंपनी में मैनेजर है. दानिश पहले से ही शादीशुदा था, 2009 में दानिश अली मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में पोस्टेड था. होशंगाबाद में रहने वाली एक युवती ने फार्मा कंपनी से दवा मंगाई थी. तभी उसकी मुलाकात दानिश अली से हुई थी. दानिश ने युवती को अपना नाम जॉन सलूजा बताया था. युवती की जॉन सलूजा से दोस्ती हो गई थी.


दानिश ने युवती के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था. जब युवती शादी के लिए तैयार हो गई तो उसे कानपुर लाकर एक आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी. इसके बाद दानिश ने युवती को अपनी असलियत बताई कि वो मुसलमान है. दानिश ने अगले ही दिन युवती से निकाह कर लिया था. दानिश युवती को कभी कानपुर तो कभी मध्य प्रदेश में रखता था. इसके साथ ही जब वो प्रेग्नेंट हुई तो उसका गर्भपात करा दिया. जब युवती ने इस बात का विरोध किया तो उसके मारपीट कर उसे तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया. पीड़िता ने इसकी शिकायत मध्य प्रदेश में महिला थाने और चकेरी थाने में की थी. लेकिन इस पर कोई कार्यवाई नहीं हुई.


इसके बाद दानिश ने 2014 में मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाले एक होटल मैनेजर की बेटी से दोस्ती कर ली. होटल मैनेजर की बेटी को दानिश ने अपना नाम राज उपाध्यक्ष बताया था. दानिश ने 2016 में युवती से सगाई कर ली और तब से शादी का झांसा देकर लगातार शोषण करता रहा. दानिश की हकीकत उस वक्त सामने आ गई जब युवती ने उसके बैग से उसका आइडेंटी कार्ड देखा जिसमे उसका असली नाम दानिश अली लिखा था. जब युवती ने उससे उसकी असलियत पूछी तो उसने बताया कि मैं मेरठ का रहने वाला हूं. मेरे पापा हिन्दू ब्राह्मण है और मेरी मां मुस्लिम हैं. लेकिन मेरे पिता हिन्दू धर्म को मानते हैं.


युवती ने बताया कि दानिश से मेरी दोस्ती 2014 में हुई थी उसने मुझसे अपना नाम राज उपाध्याय बताकरफ्रेंडशिप की थी. उसने अपनी एक आईडी दिखाई थी जिसमें उसका नाम सूर्य प्रकाश उपाध्याय लिखा हुआ था. 2015 में दानिश ने मेरे सामने शादी का प्रस्ताव रखा था. मेरे पैरेंट्स ने दानिश के पैरेंट्स से बात की तो उन्होंने कहा कि पहले बड़े बेटे की शादी हो जाए फिर इसकी शादी करेंगे. दानिश जब इंदौर गया तो उसने बताया कि मेरा गोरखपुर ट्रांसफर हो गया है. इसके बाद भी वो लगातार मुझसे फोन पर बात करता रहता था और मेरे घर आता रहता था. जब शादी के कहा गया तो कहता था इंदौर मेरा ट्रांसफर हो जाएगा तो शादी कर लूंगा.


2018 में दीवाली के टाइम पर जब ये घर आया था तो मुझे इसके बैग से एक आई डी मिली जिसमें इसका नाम दानिश अली लिखा हुआ था. ये देखकर उसकी आईडी रख दी और उससे कुछ नहीं पूछा. जब दानिश जनवरी 2019 में घर आया तो मैंने इससे पूछा कि तुम्हारे बैग में एक आईडी मुझे मिली थी जिसमें तुम्हारा फोटो लगा था और उसमे दानिश अली लिखा हुआ था. ये सुनते ही वो रोने लगा और कहने लगा कि मेरे पिता ब्राह्मण परिवार से है और माता मुस्लिम हैं. इसके बाद ये अगले दिन चुपचाप घर से चला गया. इसके बाद जब मेरी दानिश से बात हुई तो उसने कहा कि अब हमारी शादी नहीं हो सकती है. तुम्हे पता चल गया है कि मैं मुस्लिम हूं और तुम ब्राह्मण लड़की हो, मेरी शादी भी हो चुकी है.


मेरी पांच साल तक उससे दोस्ती रही लेकिन कभी नहीं लगा कि ये मुस्लिम लड़का है. वो टीका लगाता था हाथ में कलावा बांधता था. मेरे साथ मंदिर जाता था. इसके साथ ही जो भी त्योहार होते थे मेरे घर पर मनाता था. 2016 के बाद जितने भी दीवाली के त्योहार हुए है उसने मेरे घर पर ही मनाए हैं. कल मैं अपने बयान दर्ज कराने गई थी तो दानिश के भाई ने मुझे तेजाब डालने की धमकी दी थी. जिसका मैंने तुरंत एक मुकदमा दर्ज कराया था.


एसपी पूर्वी राजकुमार के मुताबिक ये दो अलग-अलग मामले हैं. एक पीड़िता ने चकेरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है जो 420 समेत अन्य धाराओं का है. जिसमें दानिश अली और उसके परिवार के लोग नामजद हैं. इसमें जो प्रतिवादी पक्ष है वो हाई कोर्ट में पेश हुआ था. हाई कोर्ट ने मेडीयेशन के लिए भेजा था. वहीँ दूसरे मामले में पीड़िता ने दानिश अली उर्फ़ जॉन सलूजा उर्फ़ राज उपाध्याय पर इंदौर जनपद के राजेंद्र नगर थाने में एक 376 का मुकदमा पंजीकृत कराया है. उसकी हुकुम तहरीर वहां के थानाध्यक्ष ने चकेरी थानाध्यक्ष को भेजने के लिए कहा है. जैसे ही हुकुम तहरीर प्राप्त होगी पुलिस आवश्यक विधिक कार्रवाई करेगी. पहली पीड़िता का मामला चकेरी थाना कानपुर में पंजीकृत है वो मामला हाई कोर्ट में लंबित है और मेडीयेशन में है. ये निस्तारित होने के बाद हम अगली कार्रवाईअमल में लाएंगे.