कानपुर: पुलिस के हत्थे चढ़ा रंगदारी मांगने वाले गिरोह, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के चचेरे भाई से भी मांगे थे पैसे
रंगदारी मांगने वाला यह गिरोह बहुत ही शातिर ढंग से काम को अंजाम देता था, इस गिरोह का सरगना इंटरनेट से ऐसे कारोबारियों का मोबाइल नंबर निकालता था जिनकी इंटरनेट पर स्टार रेटिंग ज्यादा होती थी. ये लोग कारोबारियों के मोबाइल पर फर्जी सिम से फोन करके रंगदारी मांगते थे और अपना एकाउंट नंबर देकर खाते में रुपए डालने का दबाव बनाते थे.
कानपुर: कानपुर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया कई प्रतिष्ठित सर्राफा व्यापारियों, डॉक्टर और कारोबारियों से लाखो रुपयों की रंगदारी मांगता था. यह खुलासा तब हुआ जब इन लोगों ने कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के चचेरे भाई से एक लाख रुपए की रंगदारी मांगी. रंगदारी मांगने वाला यह गिरोह बहुत ही शातिर ढंग से काम को अंजाम देता था, इस गिरोह का सरगना इंटरनेट से ऐसे कारोबारियों का मोबाइल नंबर निकालता था जिनकी इंटरनेट पर स्टार रेटिंग ज्यादा होती थी. ये लोग कारोबारियों के मोबाइल पर फर्जी सिम से फोन करके रंगदारी मांगते थे और अपना एकाउंट नंबर देकर खाते में रुपए डालने का दबाव बनाते थे. रुपए नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देते थे.
इन लोगों से मांगी थी रंगदारी इस रंगदारी गिरोह के सतेन्द्र सिंह और विशाल बैश ने बीते 18 जुलाई 2018 को चार ज्वेलर्स को फोन करके रंगदारी मांगी थी. इतना ही नहीं कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के चचेरे भाई चेतन महाना से एक लाख रुपए की रंगदारी, बर्रा थाना क्षेत्र कौशल ज्वेलर्स के मालिक घनशयाम गुप्ता से दो लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी. प्रतापगढ़ के कोतवाली स्थित ज्ञान प्रकाश एंड संस ज्वेलर्स के मालिक मनीष से एक लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी. कन्नौज के छिबरामाऊ थाना क्षेत्र निवासी हरिओम ज्वेलर्स के मालिक से एक लाख रुपए की रंगदारी मांगी गयी थी. इसके साथ ही कानपुर के दो प्रतिष्ठित डॉक्टरों से 5 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गयी थी. यह सभी रंगदारी में एक जैसी समानता थी कि एकाउंट में रुपए भेजने और एक जैसा ही एकाउंट नंबर व्हाट्सअप पर भेजे गए थे. यह दोनों शातिर अपराधी छोटी रकम की रंगदारी मांगते थे ताकि देने में आसानी हो.
इंटरनेट पर प्रतिष्ठित डॉक्टर और सर्राफा व्यवसायियों को सर्च कर बनाते थे टारगेट एसपी पूर्वी अनुराग आर्या ने बताया कि पकडे गए सतेन्द्र और विशाल बैश को बुधवार को चकेरी थाना स्थित हरजेन्द्र चौराहे से पकड़ा गया है. पूछताछ में सतेन्द्र ने बताया कि सतेन्द्र इंटरनेट पर प्रतिष्ठित डॉक्टर और सर्राफा व्यवसायियों को सर्च करता था. जिस व्यवसायी का स्टार रेटिंग ज्यादा होती थी उनको टारगेट कर उनसे रंगदारी मांगता था. इसके बाद अपने साथी विशाल बैश का एकाउंट नंबर देता था. लगातार कॉल करके और मैसेज करके रंगदारी मांगता था. रंगदारी ना देने पर गोली मारने की धमकी भी देता था. दरअसल सतेन्द्र का दिल्ली में जनरेटर और बैट्री का कारोबार था, सतेन्द्र मोबाइल फोन पर जनरेटर की जानकारी देता था. फोन पर यदि जो शख्स जनरेटर खरीदने को तैयार हो जाता था, उसे बताई गई जगह पर बुलाते थे. इसके बाद तमंचे के बल पर अपने साथियों के साथ लूट लेते थे. सतेन्द्र ने बीते 7 जून 201 8 को जनपद मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र निवासी आशीष अग्निहोत्री से एक लाख 95 हजार रुपए लूट लिए. 10 जून 2018 जनपद मैनपुरी में ही जनरेटर व्यवसायी से 55 हजार रुपए लुटे थे. 11 मार्च 2018 को मैनपुरी के सर्राफा व्यापारी दिलीप कुमार पर फायरिंग कर उन्हें भी लूट लिया था. दोनों ही अभियुक्तों को जेल भेजा दिया गया है. इनके पास से मोबाइल,दो तमंचा, 6 जिन्दा कारतूस और मोटर साइकिल बरामद की गई है.