कानपुर: कानपुर की मेघा गुप्ता ने भी यूपीएससी में सफलता हासिल की है. खास बात ये है कि मेघा से जब इंटरव्यू में पूछा गया कि जब आप वेटिंग हॉल में बैठी थीं तो आप के मन में क्या चल रहा था, तो मेघा ने जवाब दिया कि मै पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी की "हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा" कविता को याद कर रही थी.


इस जवाब से मेघा ने सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया. मेघा ने यूपीएससी एग्जाम के लिए किसी तरह की कोचिंग नहीं की थी. उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई करके 674वीं रैंक हासिल किया है.

मेघा गुप्ता गोविन्द नगर थाना क्षेत्र स्थित चावला मार्केट की रहने वाली हैं. उनके पिता सुशील गुप्ता कानपुर देहात के मूसानगर में एसबीआई बैंक में सीओ के पद पर तैनात हैं. मेघा ने भोपाल के एनआईटी कालेज से बीटेक किया है. मेघा ने सिविल एग्जाम के लिए किसी तरह की कोचिंग नही की बल्कि इंटरनेट के माध्यम से तैयारी कर 674 वी रैंक हासिल किया है.

मेघा ने बताया कि मेरे मामा जज हैं. मुझे उन्हीं से प्रेरणा मिली है. मेरे मामा कहते थे कि हम समाज से इतना कुछ लेते हैं और सीखते हैं. हमारा फर्ज बनता है कि हम समाज के लिए कुछ करें. इस बात से प्रेरणा लेकर मैंने सिविल एग्जाम की तयारी की. मैंने ढाई साल इसकी तैयारी की, तब जाकर मुझे इसमें सफलता मिली है.

मेघा ने कहा कि मै आईपीएस बनकर महिलाओं से जुड़े मुद्दों जैसे रेप, दहेज़ उत्पीड़न, घरेलू हिंसा पर काम करना चाहती हूं. उन्होंने कहा कि मै बच्चों के साथ हो रहे अत्याचार पर भी काम करना चाहती हूं. मेघा ने कहा कि मेरे करिअर में मेरी मां, पिता और भाई ने बहुत सपोर्ट किया है.

मेघा से जब इंटरव्यू में पूछा गया कि आप तीन साल के बच्चे को कौन सी क्वालिटी सिखाना चाहेंगी, तो उन्होंने कहा कि मैं सिखाना चाहूंगी कि खेल, पढ़ाई या फिर झगड़े में भी हमें कोशिश करने का गुण नहीं खोना चाहिए.