कानपुर: कानपुर में इन दिनों एक मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.  मामला वाइफ स्वैपिंग से जुड़ा हुआ है. एक नव विवाहिता ने अपने पति पर दोस्तों की पत्नियों को अदला बदली का आरोप लगाया था. पीड़िता ने थाने में इसकी तहरीर भी दी थी, पुलिस इस घटना की जांच बीते ढाई साल से कर रही है.  पीड़िता का आरोप है कि विवेचक ने अपनी जांच में गंभीर धारायें और कई आरोपियों के नाम हटा दिए हैं. इसके बाद वो डिप्रेशन में चली गयी और फांसी लगा ली. लेकिन समय रहते परिवार के सदस्यों ने उसे फंदे से उतार कर अस्पताल में भर्ती कराया है.


कानपुर में रहने वाली युवती की शादी 2015 में उरई में रहने वाले शख्स से हुई थी. पीड़िता का आरोप था कि ससुराल पक्ष लगातार महंगी कार और 35 लाख रुपये की मांग कर रहे थे. लेकिन पीड़िता का परिवार इतनी बड़ी रकम देने में सक्षम नहीं था. पीड़िता ने जिसपर ये आरोप लगाए हैं उसका प्रदेश के कई जनपदों में रियल स्टेट का बहुत बड़ा कारोबार है.


पीड़िता का आरोप है कि पति अननेचुरल सेक्स करता था और इंकार करने पर मारपीट करता था. इसके साथ पति द्वारा जबरन पत्नियों की अदला बदली का खेल खेला जाता था. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया था कि जबरन दोस्तों के साथ सेक्स करने के लिए मजबूर किया जाता था. पीड़िता ने 2016 में सीसामऊ थाने में पति के खिलाफ तहरीर दी थी.


लगभग साल ढाई से पुलिस इस चर्चित मामले की जांच कर रही है. फ़िलहाल यह जांच सीओ सदर रवि कुमार के पास है. पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने मिली भगत कर गैंगरेप जैसी धारायें हटा दी हैं,जो आरोपी थे उन्हें पुलिस की जांच में क्लीन चिट मिल गयी है. तो उसने जान देने का फैसला कर लिया.


सीओ सदर रवि कुमार के मुताबिक जांच में अश्लील फोटो खींच कर दबाव बनाने की बात सामने नहीं आई है. पीड़िता ने इसके साबुत नहीं पेश किये हैं. उसी आधार पर इस प्रकरण की जांच की जा रही थी.