ये व्रत बहुत कठिन होता है क्योंकि इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं ना तो कुछ खाती हैं और ना ही कुछ पीती हैं. माना जाता है कि ये निर्जल व्रत होता है और इसमें पानी तक नहीं पिया जाता.
यूपी भर में इस त्यौहार को बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हर साल कार्तिक के पावन महीने में आने वाला ये त्यौहार पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक है. इस साल चांद शाम में करीब 7.58 बजे निकलेगा.
शाम 5.40 मिनट से लेकर शाम 6.50 मिनट तक पूजा का वक्त है. इसके बाद शाम 7.58 बजे चांद को देख कर व्रत को खोला जा सकता है. इस वक्त पति अपनी पत्नी को पानी पिलाएंगे और कुछ मीठा खिला कर व्रत को खुलवाएंगे.