कासगंज: 26 जनवरी को लेकर प्रशासन मुस्तैद, छावनी में तब्दील हुआ शहर
बता दें कि पिछले साल कासगंज में 26 जनवरी 2018 को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली थी. एक समुदाय विशेष के लोगों ने बाइक पर निकली तिरंगा यात्रा पर पथराव किया था जिसके बाद हिंसा भड़क गई. हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई थी.
कासगंज: पिछली बार 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा से सबक लेते हुए इस बार प्रसाशन कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहता है. पूरे कासगंज में सुरक्षा कवच योजना के साथ-साथ धारा 144 भी लागू कर दी गई है. कासगंज जिलाधिकारी आरपी सिंह और पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ल ने भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पूरे शहर में फ्लैगमार्च किया.
आरपी सिंह ने कहा कि शहर को 2 जोन और 8 सेक्टरों में बांटा गया है. इसके साथ ही शहर के 50 संवेदनशील क्षेत्रों को भी चिन्हित किया गया है. किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. पिछले साल तिरंगा यात्रा में हुए दंगे के चलते जिला प्रशासन ने बिना परमिशन किसी भी तरह की रैली या जुलूस पर भी रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी पर एक कंपनी आरएएफ, पीएसी, सहित जोन का भारी पुलिस बल जनपद में मुस्तैद रहेगा.
Kasganj: Police carried out a flag march y'day ahead of Republic Day. DM says, "Region divided into 2 zones&8 sectors.50 sensitive points identified.Forces deployed.Sec 144 imposed. No procession, without permission, allowed." Violence erupted in the city on Republic Day last yr. pic.twitter.com/Eo2aSbjvuF
— ANI UP (@ANINewsUP) January 20, 2019
जनपद पुलिस ने 250 से ज्यादा लोगों को मुचकले पर पाबंद कर दिया है और कुछ लोगों को गुंडा एक्ट में भी पाबन्द कर कार्यवाही शुरू कर दी है.
पिछले साल कासगंज में 26 जनवरी 2018 को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली थी. एक समुदाय विशेष के लोगों ने बाइक पर निकली तिरंगा यात्रा पर पथराव किया था जिसके बाद हिंसा भड़क गई. हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई थी. उसके बाद 10 दिनों तक कासगंज में हिंसा, आगजनी, पथराव और गोलीबारी का दौर चला था, जिसमे करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था.