इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर अनुच्छेद 226 के तहत दाखिल अर्जी को अनुच्छेद 227 में तब्दील कर दिया है. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से दाखिल संशोधन अर्जी को हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है और याचिका को अब नई बेंच में सुनवाई के लिए पेश करने का आदेश दिया है.
नई बेंच में अगले हफ्ते सुनवाई होने की उम्मीद
हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई अब नई बेंच में अगले हफ्ते होने की उम्मीद है. यह आदेश जस्टिस संगीता चन्द्रा ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ की तरफ से दाखिल अर्जियों पर सुनवाई करते हुए दिया है.
याचिका के अनुसार पूजा अधिकार कानून 1991 आने के बाद काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर ट्रस्ट ने वाराणसी की सिविल कोर्ट में वक्फ मस्जिद शाही आलमगिरी को मंदिर की जमीन से हटाकर पूरी जमीन का कब्जा सौंपने की मांग में मुकदमा दायर किया. मस्जिद की तरफ से मुकदमे की ग्राहयता पर आपत्ति की गयी. सिविल कोर्ट ने वाद बिन्दु बनाते हुए पक्ष रखने को कहा. इसके खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर कोर्ट ने आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कहाकि साक्ष्य लेने के बाद प्रारंभिक आपत्ति का निस्तारण होगा. इन दोनों आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है.
हाईकोर्ट से अधीनस्थ कोर्ट के आदेश पर रोक
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने पक्षकार बनाने की अर्जी दी उसे निरस्त कर दिया गया था, उसे भी चुनौती दी गयी है. हाईकोर्ट से अधीनस्थ कोर्ट के आदेश पर रोक लगी है. याची का कहना है कि पूजा अधिकार कानून लागू होने के बाद सिविल वाद पोषणीय नहीं है. इसलिए मुकदमा खारिज किया जाए.
मंदिर की तरफ से कहा गया कि पूरी जमीन मंदिर की है. चारों तरफ मूर्तियों की पूजा होती है. औरंगजेब ने मंदिर तुडवाकर मलबे से मस्जिद बनवाया है. मंदिर पर अवैध निर्माण हटाया जाए और मंदिर की स्थिति बहाल की जाए. अब मामले की सुनवाई नए क्षेत्राधिकार वाली बेंच करेगी.