इलाहाबाद/कौशाम्बी: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशाम्बी में कर्ज की वसूली से परेशान एक किसान ने आत्महत्या कर अपनी जिन्दगी ख़त्म कर ली. किसान ने चार बीघे खेत में आलू की फसल लगाने के लिए साधन सहकारी समिति से अड़तीस हजार रूपये का कर्ज लिया था.


मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई के दावा


परिवार वालो का आरोप है कि सरकारी खरीद केंद्र पर जाने के बाद भी पिछले एक महीने से उसका आलू नहीं खरीदा गया. जिसकी वजह से उसकी आलू की फसल खेत में ही सडने लगी थी. इसी बीच समिति के कर्मचारियों ने उसे वसूली का नोटिस भेज दिया. नोटिस मिलने से किसान काफी डिप्रेशन में था और बुधवार की सुबह उसने अपने खेत में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. पुलिस इस मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई के दावे कर रही है.


कर्ज लेकर चार बीघे खेत में की आलू की अच्छी पैदावार


यह मातम कौशाम्बी जिले की सिराथू तहसील के बख्तियारा गाव के किसान राम बाबू द्विवेदी की खुदकुशी के बाद उसके घर में मचा है. किसान राम बाबू ने बुधवार आज अपने खेत के एक पेड़ में फ़ासी पर लटक कर अपनी जिन्दगी को ख़त्म कर ली है. बताया जा रहा है कि किसान राम बाबू ने इस साल साधन सहकारी समिति से 38 हजार रुपये कर्ज लेकर चार बीघे खेत में आलू की अच्छी पैदावार की थी. इसी आलू की फसल को सरकारी क्रय केंद्र पर बेचने के लिए वह पिछले एक महीने से चक्कर लगा रहा था, लेकिन क्रय केंद्र प्रभारी की मनमानी के कारण उसकी आलू की फसल की खरीद नहीं की गई.


कर्ज की वसूली के लिए नोटिस


ज़्यादा पैदावार होने की वजह से इस बार बाजार में दाम बेहद कम थे और उसे खुले बाजार में बेचना मुमकिन नहीं था. आलू की फसल की खरीद का होने से किसान राम बाबू की फसल खेत में ही सड़ने लगी. जिसको देख किसान ने उसे कोल्ड-स्टोर में भी रखने का प्रयास किया, लेकिन वहां भी उसको मायूसी ही हाथ लगी. इसी बीच फसल के लिए साधन सहकारी समिति के कर्मचारियों ने उस पर कर्ज की आदायगी का दबाव बनाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं सोसाइटी के कर्मचारियों ने राम बाबू को कर्ज की वसूली के लिए नोटिस भी उसके घर भेज दिया. इसके बाद भी कर्ज न वसूल पाने से नाराज़ सोसाइटी के कर्मचारियों ने अपनी समिति के बोर्ड में उसका नाम बड़े बड़े अक्षरों में बकायेदार के तौर पर लिख दिया.


खेत में एक पेड़ से लटकी मिली डेड बॉडी


खेत में अपनी मेहनत की कमाई को बर्बाद होता देख और कर्ज की अदायगी न हो पाने से परेशान किसान राम बाबू ने आखिरकार एक खतरनाक कदम उठा लिया. मंगलवार की रात को राम बाबू ने पूरे परिवार के साथ खाना खाया और फिर वह अपने कमरे में सोने चले गए. सुबह बच्चों ने राम बाबू को कमरे में न पाकर खोजना शुरू किया तो उनकी लाश खेत में एक पेड़ से लटकी मिली.


परिवार के एक मात्र कमाने वाले शख्स थे रामबाबू


राम बाबू की मौत के बाद उसने परिवार में अब पत्नी उर्मिला देवी, तीन बेटो में देवेन्द्र, ब्रिजेन्द्र, गुड्डू और बेटी अर्चना है. बच्चे अभी पढाई कर रहे है उनके सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. परिवार का एक मात्र कमाने वाला शख्स रामबाबू ही थे जो अब इस दुनिया में नहीं है. किसान की आत्महत्या की जनकारी मिलने के बाद सैनी पुलिस मौके पर पहुची. पुलिस ने अपनी पहली कार्यवाही करते हुए किसान राम बाबू की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. सिराथू के सर्किल अफसर का कहना है कि किसान राम बाबू की मौत किन कारणों से हुयी, इसकी जाँच शुरू कर दी गई है. हर उस पहलू को जाँच के दायरे में लिया जायेगा, जो राम बाबू की मौत के लिए जिम्मेदार है. जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आयी उस आधार कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी.