केजरीवाल की यह तल्ख टिप्पणी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से उच्चतम न्यायालय में दिये गए उस हलफ़नामे के बाद आई जिसमें उसने कहा था कि इस स्मारक को केंद्र सरकार की ‘‘ विरासत को गोद लो ’’ योजना के तहत लाया जा सकता है.
इस योजना के तहत विरासत स्मारकों की साफ सफाई और नागरिक सुविधाओं के लिये निजी व सार्वजनिक कंपनियों की सेवा ली जा सकती है.
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा , ‘‘ तब एक कंपनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी भी गोद लेने दीजिए ? अगर बीजेपी एक स्मारक का रखरखाव नहीं कर सकती तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए. ’’