बिधूना थाना क्षेत्र स्थित कुदरकोट में भयानक नाथ का मंदिर है. कुदरकोट को भगवान् कृष्ण की पत्नी रुक्मणि का मायका माना जाता है. इस मंदिर की भी बड़ी मान्यता है. मंदिर में रहकर पूजा पाठ और सेवा करने वाले साधु लज्जाराम, हल्के राम और रामशरण बीते कई माह से गौ हत्या के खिलाफ अभियान चला रहे थे.
बीते मंगलवार की रात तीनों साधु पूजा पाठ करने के बाद मंदिर को बंद कर बरामदे में सो रहे थे. अज्ञात बदमाशों ने धारदार हथियार से तीनों साधुओं पर हमला कर दिया. जिसमें लज्जाराम और हल्के राम की मौके पर ही मौत हो गयी थी. वही रामशरण को उपचार के लिए सैफई के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
जब बुधवार सुबह तक मंदिर नहीं खुला तो स्थानीय लोगों ने जाकर देखा, वो अंदर का नजारा देखकर हैरान रह गए. तीनों साधुओं के हाथ पैर चारपाई से बंधे हुए थे. इसके बाद उनके गले को धारदार हथियार से रेता गया था.
मृतक के परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि तीनों साधु बीते कई माह से गौ हत्या के खिलाफ अभियान चला रहे थे. जिसकी वजह से उनको विरोध का सामना भी करना पड़ रहा था. यह हत्या भी उन्हीं लोगों के द्वारा की गयी है. ग्रामीणों का कहना था कि जब तक हत्यारे नहीं पकडे जायेंगे साधुओं के शव को नहीं उठने देंगे.
औरैया के पुलिस अधीक्षक नागेश्वर सिंह ने बताया कि इलाके में व्याप्त तनाव के मद्देनजर पूरे कुदरकोट को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुये हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 48 घंटों के अंदर मामले का खुलासा करने के निर्देश देने के साथ-साथ वारदात में मृतक साधुओं के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने घटना को गम्भीरता से लेते हुए गृह विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह को 48 घण्टों के भीतर दोषियों का पता लगाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने के लिए निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसे किसी कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे आपराधिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.