कीर्ति आजाद ने की अलग मिथिला राज्य की मांग, कहा- नीतीश सरकार कर रही है दूसरे दर्जे का बर्ताव
लोकसभा में उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत उत्तर बिहार का क्षेत्र मिथिला का है. अनेकों ऋषि-महाऋषि वहां पर पैदा हुए. सांख्यिकी और मीमांसा भी वहां की देन है. मिथिला कृषि शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराता रहा है लेकिन आज वह विपन्नता के दौर में है.
नई दिल्ली: बीजेपी से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने आज संसद में बिहार के मिथिला प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि कि चीनी मिल, जूट मिल, पेपर मिल, खाद मिल, सूत, खादी भंडार और सिल्क मिल जैसी रोजगार देने वाली सैकड़ों संस्थाएं आज बंद चुके हैं. बाढ़ और सुखाड़ ने मिथिला को बैकवार्ड स्तर पर ले जा चुकी है. बाढ़ की समस्या का कोई स्थाई निदान सरकार के पास नहीं है. पलायन यहां की मजबूरी बन चुकी है. राज्य सरकार मिथिला के विकास के लिए कुछ नहीं कर रही है.
, my demand for a separate #MithilaPradesh pic.twitter.com/1MwXXBMTQe
— Kirti Azad (@KirtiAzadMP) August 3, 2018
लोकसभा में उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत उत्तर बिहार का क्षेत्र मिथिला का है. अनेकों ऋषि-महाऋषि वहां पर पैदा हुए. सांख्यिकी और मीमांसा भी वहां की देन है. मिथिला कृषि शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराता रहा है लेकिन आज वह विपन्नता के दौर में है.
कीर्ति आजाद ने आगे कहा कि केंद्र सरकार से प्रायोजित लाभ भी मिथिला को दूसरे दर्जे पर मिल रहा है. मिथिला की भाषा और संस्कृति के प्रचार के लिए भी कोई प्रभावशाली योजना भी सरकार के पास नहीं है. उन्होंने कहा कि मिथिला की जनता भी कई सालों से अपने विकास के लिए मिथिला राज्य का मांग कर रही है जो संवैधानिक रूप से न्यायसंगत भी है. इसलिए सरकार जल्द ही मिथिला राज्य के निर्माण पर विचार करे.