लखनऊ: योगी सरकार को शपथ लिए छह दिन हो गए हैं लेकिन अब तक कैबिनेट की मीटिंग नहीं हो पायी है.पीएम मोदी के वादे के मुताबिक़ पहली बैठक में ही किसानों के कर्ज माफी का फैसला होना है. सीएम आदित्यनाथ योगी दो-दो बार अपने मंत्रियों के साथ चाय नाश्ता कर चुके हैं. 19 मार्च को शपथ लेने के कुछ देर बाद योगी लोक भवन में सबके साथ बैठे लेकिन कैबिनेट की मीटिंग नहीं हुई.
कैबिनेट मीटिंग के सवालों पर योगी सरकार गोलमाल!
कैबिनेट मीटिंग को लेकर योगी सरकार यह बहाना बना रही थी कि अभी तक मंत्रियों में विभागों का बटवारा नहीं हुआ है. लेकिन जब 22 मार्च सबको मंत्रालय मिल गया, उस दिन भी योगी की मंत्रियों के साथ मीटिंग घंटे भर चली लेकिन कैबिनेट की पहली मीटिंग की तारीख टलती जा रही है. योगी सरकार ने मीडिया से बात करने के लिए दो मंत्रियों को प्रवक्ता बनाया है. इन्हीं में से एक ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा कैबिनेट के सवाल को गोलमोल कर जाते है.
आखिर कैबिनेट मिटिंग का इतना इंतजार क्यों ?
पीएम नरेंद्र मोदी के वादे पर भरोसा करें तो यूपी सरकार की कैबिनेट की पहली ही मीटिंग में किसानों की कर्ज माफी का एलान होना है. यूपी में 2 करोड़ 33 लाख किसान हैं. इनमे से 1 करोड़ 83 लाख सीमांत और लगभग 20 लाख लघु किसान हैं. यूपी में किसानों पर करीब 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है. यूपी सरकार को नब्बे हज़ार करोड़ रुपयों की ज़रूरत है. ये रकम पिछले साल के यूपी के बजट का एक चौथाई है. अब खबर ये है कि राज्य सरकार किसानों की कर्जमाफी किश्तों में करने की तैयारी में हैं. वित्त विभाग इस मामले में एक रिपोर्ट तैयार कर रही है.
कत्लखानों को बंद करने पर भी योगी सरकार का ने लिया यू-टर्न!
इतना ही नहीं कत्लखाने बंद करने पर भी योगी सरकार ने यूटर्न ले लिया है. चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बनने के चौबीस घंटों में बूचड़खानों और यांत्रिक कत्लखानों को बंद करने कावादा किया था. लेकिन अब बात सिर्फ अवैध बूचड़खानों को बंद कराने की हो रही है. बाकी का मामला कानूनी सलाह लेने के हवाले कर दिया गया है.