अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के शुरू होने के बाद पाकिस्तान के द्वारा की गई राम मंदिर निर्माण की निंदा पर अयोध्या के संत और मुस्लिम पक्षकार दोनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने पाकिस्तान को हिदायत दी है कि पाकिस्तान भारत के अंदरूनी मामलों में दखल न दे. वहीं, संतो ने कहा कि पाकिस्तान का राम मंदिर को लेकर दखल देने का यही उद्देश्य है कि भारत में हिंदू और मुस्लिमों के बीच में खाई बनी रहे. साधु-संतों ने भारत सरकार से मांग की है कि अब कड़ी कार्रवाई कर करारा जवाब देना चाहिए.
पाकिस्तान ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए भारत की आलोचना करते हुए कहा है कि यह दर्शाता है कि देश में मुसलमान कैसे हाशिये पर रखा जा रहा है.
बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और सभी ने कोर्ट का सम्मान किया और पूरे हिंदुस्तान का मुस्लिम समाज पूर्ण रूप से संतुष्ट था और अदालत के निर्णय को माना. पाकिस्तान बाबरी मस्जिद और राम जन्म भूमि के पर राजनीति न करे. यह हमारा अंदरूनी मामला है, इसमें पाकिस्तान दखल न दे. जो निर्णय आया वह हम सभी लोगों ने माना है. भारत के मुस्लिमों ने इसको स्वीकारा है. पाकिस्तान कौन होता है इस पर आपत्ति करने वाला. आज तक पाकिस्तान ने कोई भी अच्छा काम नहीं किया है, पूरा विश्व कोरोना वायरस से जूझ रहा है. पाकिस्तान को चाहिए कि इसका इलाज खोजे, कोई अच्छा काम करे. पूरी दुनिया में आतंकवाद पाकिस्तान ने फैला रखा है.
वहीं, रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बटवारे के समय बहुत से ऐसे मंदिर थे जो पाकिस्तान में चले गए जिनको ध्वस्त कर दिया गया. अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है. भारत के बहुत से मुस्लिमों ने राम मंदिर का समर्थन किया है और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले का भी समर्थन मुस्लिम समाज के लोगों ने किया है. हिंदुस्तान में हिंदू-मुसलमान के बीच में विवाद होता रहे इस उद्देश्य से राम मंदिर के मुद्दे को उठाया गया है, यह हमारे देश की बात है इसमें दखल देने की आवश्यकता पाकिस्तान को नहीं है. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि पाकिस्तीन विश्व में आतंकवाद फैलाता है, बॉर्डर पर धोखे से हमला करके हमारे सैनिकों को मारता है. भारत सरकार से मांग करता हूं कि इनको सबक सिखाना चाहिए.
वहीं, सरयू जी की नित्य आरती करने वाले शशीकांत दास ने कहा कि राम मंदिर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बनना शुरू हुआ है. राम हमारे आस्था के प्रतीक हैं और कभी भी हम अपने आराध्य का मंदिर बना सकते हैं, उसका जीर्णोद्धार करा सकते हैं. पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे देश का अंदरूनी मामला है और इसमें पाकिस्तान हस्तक्षेप न करे. पाकिस्तान अपनी हैसियत में रहे.
शशिकांत दास ने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान में राम मंदिर बनकर तैयार होगा. पाकिस्तान भारत में हिंदू और मुस्लिमों के बीच में वैमनस्य पैदा करना चाहता है, लड़ाना चाहता है. हिंदू मुस्लिम के बीच जो भाईचारा है उसको खत्म करना चाहता है. पाकिस्तान भूल रहा है भारत में आपसी भाईचारा और प्रेम है और यहां का मुस्लिम भी यह चाहता है कि राम का भव्य मंदिर बन कर तैयार हो. पाकिस्तान अपने उद्देश्य में सफल नहीं होगा यहां पर हिंदू मुस्लिम में भाईचारा बना रहेगा.