मध्य प्रदेश के 'नाथ' बनेंगे कमलनाथ, जानें- कैसा रहा है उनका राजनीतिक सफर
कमलनाथ के लिए एक बात मशहूर है कि दिल्ली में इनका घर और दफ्तर चौबीस घंटे पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहता है. अपने कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा सुलभ रहते हैं.
नई दिल्लीः मध्य प्रदेश कांग्रेस ने विधायक दल का नया नेता चुन लिया है. विधायकों ने आपसी सहमति से कामलानथ का नाम तय किया वहीं पार्टी हाईकमान ने भी कमलनाथ के नाम पर मुहर लगा दी. कमलनाथ के नाम पर हाईकमान की ओर से हामी के बाद राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए चल रहे संभावित नामों पर विराम लग गया है. राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए अनुभव बनाम युवा जोश के बीच कड़ी टक्कर थी इसी कड़ी में ज्योतिरादित्य सिंधिया कमलनाथ को कड़ी टक्कर दे रहे थे. हालांकि अंत अंत तक अनुभव, युवा जोश पर भारी पड़ गया.
गांधी परिवार से नजदीकियां कमलनाथ संजय गांधी के बहुत ही अच्छे दोस्तों में से एक थे. दोनों ने पढ़ाई एक साथ की थी. इसके अलावा कमलनाथ ने इमरजेंसी के बाद राजनीतिक संकट में फंसे गांधी परिवार और इंदिरा गांधी के साथ रहे. यही कारण कारण है कि गांधी परिवार ने हमेशा उन्हें अपना माना.
'बुरे समय' में इंदिरा गांधी के साथ खड़े होने के कारण ही वह उनके गुड बुक्स में आ गए थे. साल 1980 में जब पहली बार कांग्रेस ने उन्हें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से चुनावी मैदान में उतारा था तब प्रचार करने खुद इंदिरा गांधी पहुंची थी. प्रचार के दौरान उन्होंने राजीव और संजय गांधी के बाद कमलनाथ को तीसरा बेटा बताया था.
हवाला कांड और सिख दंगों में आ चुका है नाम कई बार केंद्र में मंत्री रहे कमलनाथ का नाम 1984 में हुए सिख दंगा और 1996 के हवाला कांड में नाम आ चुका है. हालांकि कई अहम मंत्रालयों के मंत्री रहने के बाद भी कमलनाथ का नाम किसी अन्य विवादों में नहीं आया है और ना ही उन पर भ्रष्टाचार के कोई संगीन आरोप लगे हैं.
एक बार चुनाव हार चुके हैं कमलनाथ अपने क्षेत्र छिंदवाड़ा के लिए विकास पुरुष कमलनाथ एक बार यहां से चुनाव हार चुके हैं. हालांकि जब साल 1996 में कमलनाथ पर हवाला कांड के आरोप लगे थे तब पार्टी ने उनके बदले उनकी पत्नी अलकानाथ को टिकट दिया था. अलकानाथ इस चुनाव में जीत गई थी. हालांकि बाद में उन्होंने अपने पति कमलनाथ के लिए इस सीट से इस्तीफा दे दिया था.
पत्नी के इस्तीफे के बाद कमलनाथ कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार सुंदर लाल पटवा ने उन्हें करारी शिकस्त दी थी. बस यही एक चुनाव है जिसमें वह हार गए बाकी अन्य सभी चुनाव को कमलनाथ अपनी झोली में डालते रहे.
बिज़नेस टायकून हैं कमलनाथ कानपुर में जन्मे और पश्चिम बंगाल में कारोबार करने वाले कमलनाथ व्यापारी परिवार से आते हैं. इनका कारोबार रियल एस्टेटस, हॉस्पिटलिटी और शिक्षा में भी फैला हुआ है. कमलनाथ के सभी बिजनेस उनके दो बेटे नकुलनाथ और बकुलनाथ संभालते हैं.
कार्यकर्ताओं के लिए सुलभ हैं कमलनाथ कमलनाथ के लिए एक बात मशहूर है कि दिल्ली में इनका घर और दफ्तर चौबीस घंटे पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहता है. कार्यकर्ताओं के काम के लिए हमेशा तैयार रहने वाले कमलनाथ की यही खूबी है.
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