गोरखपुर:  36 मासूम बच्चों की मौत से विवादों में घिरे गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टर कफील खान की सरकार ने छुट्टी कर दी है. उनके खिलाफ ये कार्रवाई प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप में की गई है. डॉक्टर कफील इन्सेफेलाइटिस वार्ड के इंचार्ज थे. उनकी जिम्मेदारी अब डॉक्टर महेश शर्मा को दी गई है.


पहले ऐसी खबरें छपीं थी, ‘’अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने पर डॉ. कफील ने निजी तौर पर कोशिश करके कई बच्चों की जान बचाई.’’


बताया गया था, ‘’गुरुवार की रात करीब 2 बजे जब डॉ कफील खान को जानकारी मिली कि ऑक्सीजन खत्म होने वाला है तो उनकी नींद उड़ गई, वो फौरन अपनी गाड़ी से अपने एक दोस्त डॉक्टर के अस्पताल पहुंचे और वहां से ऑक्सीजन के 3 जंबो सिलेंडर लेकर सीधे बीआरडी हॉस्पिटल आ गए. डॉ कफील खान की इस कोशिश से हालात कुछ देर के लिए काबू में आए.’’



लेकिन अब डॉ कफील खान को अचानक योगी सरकार ने पद से हटा दिया. डॉ खान पर ये कार्रवाई कल यानी रविवार को सीएम योगी के बीआरडी अस्पताल के दौरे के बाद की गई. पहली नजर में डॉक्टर कफील पर कार्रवाई इसलिए की गई है, क्योंकि वो सरकारी डॉक्टर रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे. जबकि वो सरकारी नौकरी ज्वाइन करते वक्त प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करने का हलफनामा दे चुके थे.


कफील अहमद की पत्नी डॉक्टर शबिस्ता खान गोरखपुर में MEDISPRING CHILDREN HOSPITAL चलाती हैं. आरोप है कि डॉ कफील सरकारी अस्पताल की नौकरी करते हुए भी अपनी पत्नी के अस्पताल से पूरी तरह जुड़े रहे और वहां प्रैक्टिस करते रहे. हालांकि डॉ कफील के रिश्तेदार इस आरोप को गलत बता रहे हैं.


रिश्तेदारों का कहना है, ‘’अस्पताल पत्नी शबिस्ता खान के नाम पर है. जून 2015 तक डॉक्टर कफील यहां प्रैक्टिस करते थे. बीआरडी में परमानेंट होने के बाद यहां प्रैक्टिस नहीं करते.’’ लेकिन अस्पताल के बोर्ड पर डॉ. के खान का नाम बेहद मोटे अक्षरों में हाल फिलहाल तक लिखा रहा है. हालांकि अब वो नाम हटा दिया गया है.


अस्पताल के कैलेंडर समेत कई ऐसी चीजें सामने आई हैं, जिनमें डॉ कफील के नाम का इस्तेमाल किया गया है. डॉ. कफील खान के सुर्खियों में आने के बाद उनके खिलाफ 2015 में लगे एक रेप के आरोप की चर्चा भी शुरू हो गई है. इस मामले में केस भी दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस ने जांच के बाद अपनी फाइनल रिपोर्ट में आरोप को झूठा बता कर खारिज कर दिया था.


बहरहाल, डॉ कफील खान और उनसे पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आरके मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई तो हो गई, लेकिन अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या योगी सरकार ऑक्सीजन के बकाया पैसों के भुगतान में लापरवाही बरतने के आरोपों में घिरे गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी ?