वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इन दिनों एक नया विवाद खड़ा हो गया है. काशी को क्योटो बनाने का वादा करते वक्त मोदी कह चुके हैं कि किसी भी हाल में काशी की सांस्कृतिक विरासत से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए, लेकिन अब वहां के लोगों की शिकायत है कि काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तार करन के नाम पर वहां की पुरानी इमारतों और गलियों को खत्म करने की तैयारी हो रही है.


काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तार का प्रस्ताव


दुनिया का सबसे प्राचीन शहर कहा जाने वाला वाराणसी काशी विश्वनाथ के मंदिर के साथ साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक धरोहर के लिए पहचाना जाता है. लेकिन काशी को क्योटो बनाने की योजना के तहत अब इस धरोहर से छेड़छाड़ की कोशिशें के आरोप लग रहे हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर से ललिता घाट के बीच रह रहे लोगों का कहना है कि उनके पुराने मकानों को तोड़ने की बात हो रही है


मंदिर से ललिता घाट के बीच कई घरों की नाप ली गई


स्थानीय लोगों का कहना है, ‘’पिछले 20 दिनों से राजस्व विभाग, वीडीए और नगर निगम इन तीन विभागों की टीम लेखपाल के साथ आ रही है और प्रत्येक घर के अंदर घुसकर उसकी नापजोत कर रही हैं.’’


दरअसल इस पूरे विवाद की शुरूआत तब हुई जब गंगा दर्शन नाम की योजना के तहत काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण की चर्चा शुरू हुई.



मंदिर से ललिता घाट के बीच पुरानी गलियां और मकान


काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े आर्किटेक्ट ऋषभ जैन ने जो खाका तैयार किया उसके मुताबिक गंगा दर्शन योजना के तहत विश्वनाथ मंदिर का विस्तार ललिता घाट तक किया जाएगा. यानी गंगा नदी से मंदिर के बीच के इस पूरे इलाके में पड़ने वाले मकानों और इमारतों को हटाना होगा.


इसका मकसद ये है कि गंगा नदी से मंदिर तक गलियों के बजाय सीधा रास्ता हो. अभी ये दूरी भले ही आधा किलोमीटर से भी कम है लेकिन इन पतली गलियों में सैकड़ो मकान हैं.


काशी विश्वनाथ से लेकर ललिता घाट तक का इलाका संकरी गलियों से होकर गुजरता है. इन गलियों के बीच में मंदिर हैं मकान है.  हजारों की संख्या में लोग रहते हैं दीवारों में भी मंदिर बने हैं.


अधिग्रहण के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू



जब से इस इलाके में रहने वाले कुछ लोगों के घरों की नपाई का काम शुरू हुआ तब से वो गुस्से में हैं और उन्होने इसके खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है कि गंगा दर्शन के नाम पर प्राचीन इमारतों को गिराना और गलियों को खत्म करने उन्हें कतई मंजूर नहीं. हालांकि काशी के मेयर का मानना है कि मंदिर का विस्तार होगा तो काशी में पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी.


अभी तक योजना पर नहीं हुआ कोई अंतिम फैसला


हालांकि काशी विश्वनाथ मंदिर को तिरूपति जैसा भव्य बनाने की योजना अभी आधिकारिक तौर पर नहीं बनी है, लेकिन लंबे समय से इसका खाका बना रहे आर्किटेक्ट ऋषभ जैन ने वाराणसी के कमिश्नर को ये प्रस्ताव सौंपा है. खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अधिकारियों की एक बैठक में भी इस प्रस्ताव को पेश किया गया लेकिन इस बारे में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कैमरे पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है.