प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज कुंभ में विश्व हिंदू परिषद की तरफ से आयोजित धर्म संसद में जल्द राम मंदिर बनाने का प्रस्ताव पास हो गया है. हालांकि इस प्रस्ताव में अभी किसी तारीफ का कोई जिक्र नहीं किया गया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि अगले चार महीनों में राम मंदिर निर्माण के लिए कोई आंदोलन नहीं किया जाएगा. वीएचपी ने ये फैसला लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया है.
विश्व हिंदू परिषद के आलोक कुमार ने बताया, ‘’वीएचपी के धर्म संसद में मुख्य रूप से राम मंदिर को लेकर संतो ने जो प्रस्ताव पास किया है उसके मुताबिक, धर्म संसद 42 एकड़ की भूमि राम जन्मभूमि न्यास को लौटाने की केंद्र सरकार की याचिका का स्वागत करती है. इतना ही नहीं धर्म संसद का मानना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राम जन्मभूमि के लिए आंदोलन करना एक चुनावी मुद्दा हो सकता ह. इसलिए साधु संत जागरण के काम करेंगे. आने वाले चार महीनों में आंदोलन का कोई काम नहीं होगा.’’
निर्मोही अखाड़ा सरपंच ने साधा VHP पर निशाना
वहीं, वीएचपी के आंदोलन न करने के फैसले पर अयोध्या के मुस्लिम पक्षकारों ने खुशी जताई है. लेकिन इसको लेकर निर्मोही अखाड़ा के सरपंच सीताराम दास वीएचपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है, ‘’यह लोग कभी राम मंदिर के लिए लड़े ही नहीं. ये लोग राम मंदिर के लिए कभी प्रयासरत थे नहीं और ना ही होंगे. यह लोग केवल बीजेपी के लिए आंदोलन कर रहे थे, ना कि राम मंदिर के लिए. अगर राम मंदिर के लिए आंदोलन करना होता तो ये शायद चार साल पहले आंदोलन शुरू कर देते. इन लोगों ने कभी चाहा ही नहीं कि राम मंदिर बने.’’
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राम मंदिर पर सकारात्मक निष्कर्ष नहीं निकला तो करेंगे सत्याग्रह- किन्नर अखाड़ा
राम मंदिर और धर्मसंसद पर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है, ‘’अगर राम मंदिर को लेकर कोई सकारात्मक निष्कर्ष नहीं निकलता है तो किन्नर अखाड़ा चार मार्च के बाद अयोध्या में सत्याग्रह करेगा.’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘’किसी भी धर्म संसद का समर्थन हम नहीं कर रहे हैं और राम के नाम पर जो लोग राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं, उन्हें भगवान राम से कोई मतलब नहीं है.’’
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