Kumbh Mela 2019: कुंभ मेले में अब तक तीन बार लग चुकी है आग, 21 जनवरी को है पौष पूर्णिमा का स्नान
बता दें कि इससे पहले 14 जनवरी को दिगंबर अखाड़े में आग लग गई थी. आग लगने से लाखों रूपये का सामान जलकर राख हो गया. आग इतनी ज़बरदस्त थी कि उसने फायर ब्रिगेड की टीमों के पहुंचने से पहले ज़बरदस्त तबाही मचाई.
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प्रयागराज: कुंभ मेले का आगाज हुए अभी छह ही दिन हुए और इस बीच मेला क्षेत्र में आग लगने की तीसरी घटना सामने आई है. यह आग मेला क्षेत्र के सेक्टर 13 में बने प्रयागवाल सभा के पंडाल में लगी थी. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों ने आग बुझाई. बिजली के शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है. गनीमत ये रही कि इस हादसे में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
शनिवार की देर शाम प्रयागवाल सभा के पंडाल में आग लग गई. अफरा-तफरी मचने पर मौके पर मौजूद लोगों ने आग की सूचना फायर ब्रिगेड को दी. फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया.
इसके पहले 16 जनवरी को स्वामी वासुदेवानंद के शिविर में आग लगी थी. शिविर में उस समय भंडारा चल रहा था. आग लगने से भंडारे का टेंट जलकर राख हो गया था.
इससे पहले 14 जनवरी को दिगंबर अखाड़े में आग लग गई थी. आग लगने से लाखों रूपये का सामान जलकर राख हो गया. आग इतनी ज़बरदस्त थी कि उसने फायर ब्रिगेड की टीमों के पहुंचने से पहले ज़बरदस्त तबाही मचाई. फायर ब्रिगेड की आधा दर्जन से ज़्यादा दमकलों ने सेना और एनडीआरएफ की मदद से करीब आधे घंटे बाद आग पर काबू पाय लिया. आग से छावनी में लगे करीब दर्जन भर कैंप, उसमें रखे तमाम सामान और एक कार पूरी तरह जलाकर राख हो गए.
आग सिलेंडर लीक होने की वजह से लगी. जब तक लोग आग को बुझाते, तब तक दो सिलेंडर तेज धमाके के साथ ब्लास्ट कर गए. धमाके की आवाज़ और आग की लपटें उठने के बाद मेले के सेक्टर सोलह में अफरा तफरी मच गई. मकर संक्रांति होने की वजह से मेला क्षेत्र में आज भीड़ काफी ज़्यादा थी. तमाम साधुओं और श्रद्धालुओं ने सभी कैंपों को फ़ौरन खाली कराते हुए अखाड़े में मौजूद लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. कहा जा रहा है कि आग उस वक्त लगी जब साधु संत भोजन करने के बाद आराम कर रहे थे.
इस हादसे में साधू-संतों का सामान जलकर खाख हो गया. कुछ साधुओं का पैसा भी जल गया. जले हुए नोटों का बंडल दिखाते हुए साधुओं ने नाराजगी जताई. कुछ साधुओं ने कहा कि जो कपड़ा पहने हैं उसके अलावा उनके पास कुछ नहीं बचा. अखाड़े के साधु-संतो का कहना है कि अनाज, रुपये सारे सामान जलकर राख हो गए हैं. साधुओं की मांग है कि सरकार उनके लिए तत्काल समुचित व्यवस्था करे.
3200 हेक्टेअर से अधिक भूमि पर आयोजित हो रहा है मेला
कुंभ 3200 हेक्टेअर से अधिक भूमि पर आयोजित हो रहा है और इसमें अगले 50 दिनों में 12 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. पूरे क्षेत्र को नौ जोन और 20 सेक्टरों में बांटा गया है. यहां बीस हजार से अधिक पुलिसकर्मी, छह हजार होमगार्ड, 40 थाने, 58 चौकियां, 40 दमकल स्टेशन, केन्द्रीय बलों की 80 कंपनियां और पीएसी की 20 कंपनियां तैनात की गयी हैं.
कुंभ के शाही स्नान
1-शाही स्नान- 15 जनवरी, 4 फरवरी और 10 फरवरी 2- मकर संक्राति स्नान- 14 और 15 जनवरी 3-पौष पूर्णिमा स्नान-21 जनवरी 4-पट्लिका एकादशी स्नान-31 जनवरी 5-मौनी अमावस्या-4 फरवरी (दूसरा शाही स्नान) 6-बसंत पंचमी-10 फरवरी 7-माघी पूर्णिमा-19 फरवरी 8-जया एकादशी- 16 फरवरी 9-4 मार्च (तीसरा शाही स्नान)
कुंभ के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
तीर्थयात्रीगण की सुरक्षा में किसी भी तरह से चूक न हो इसलिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है.
1- अग्निशमन सेवा- 40 अग्निशमन केन्द्र 15 अग्नि शमन चौकियों के साथ स्थापित की गयी हैं.
2- निगरानी टावर- कुंभ के दौरान सभी घटनाओं और भीड़ पर नज़र रखने के लिए निगरानी टावर लगाए गए हैं. इन निगरानी टावर के जरिए प्रत्येक घाट पर नजर रखी जाएगी.
3-यातायात योजना- कुंभ के मद्देनज़र यातायात की सुविधाओं पर भी विशेष द्यान दिया गया है. इलाहाबाद नगर में भारत के बड़े शहरों से हवाई जहाज से पहुंचा जा सकता है. कुंभ मेला क्षेत्र के निकट पहुंचने के लिये मंदर मोड़ के निकट बस सेवायें उपलब्ध होगी. साथ ही कुंभ मेला के दौरान ऊंची मांग की पूर्ति करने के लिये तीर्थयात्रियों एवं दर्शकगण के लिये विशेष ट्रेन सेवायें आरंभ की जायेगी.
4-सुरक्षा सेवायें- 40 पुलिस थाने, 3 महिला पुलिस थाना और 58 पुलिस चौकियों के साथ 4 पुलिस लाइनें कुंभ मेला का एक भाग के रूप में स्थापित किये जा रहे हैं. इसके अलावा हर जगह पुलिस मौजूद रहेगी.
5-वीडियोग्राफी- भीड़ पर वीडियो के जरिए नजर रखी जाएगी. जहां कहीं भी भीड़ की वजह से कोई परेशानी होने की संभावना होगा वहां तत्काल प्रभाव से एक्शन लिया जाएगा.
6- खोया-पाया- प्रयागराज मेला प्राधिकरण पुलिस विभाग के साथ 12 उच्च तकनीक सम्पन्न खोया-पाया पंजीकरण केन्द्रों की मेला क्षेत्र में स्थापना कर रही है. ये केन्द्र खोये हुये तीर्थयात्रियों के उनके परिवारों और मित्रों से फिर मिलाएगी.
7- स्वास्थ्य सेवाएं- 10 सुपर स्पेशालिटी डिपार्टमेंट्स न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, इन्डोक्रइनोलॉजी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, आनको सर्जरी एवं सीटीवीएस गैस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी एवं कार्डियोलॉजी के गंभीर रोगियों के लिये विशिष्टि उपचार प्रदान करते हैं. आपदा की स्थिति के साथ व्यवहार करने के लिये 40 बिस्तरो का एक ट्रामा केयर सुविधा सम्पन्न ट्रामा सेन्टर बनाये गये हैं.
8- बाढ़- कुंभ मेला के दौरान बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए भी इंतजाम किए गए हैं. बाढ़ प्रतिक्रिया तंत्र लाइफबाय, लाइफ जैकेट्स, जेट्टी, सोनार सिस्टम, नावें आदि जैसे खतरा कम करने वाले उपकरणों के साथ तैयार किये गये हैं.
9- भगदड़- मेले के दैरान भीड़ के बीच अगर भगदड़ होती है तो इसके लिए भी प्रशासन ने तैयारी कर ली है. जलने की उपस्तियां, डूबना, भगदड़ इत्यादि की दशा में समर्पित डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को टीम के विशेष किटों के साथ आपदा प्रबंधन सुविधाओं से युक्त नियोजित किये गये हैं.
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