प्रयागराज: मकर संक्रांति पर अखाड़ों के नागा साधुओं के शाही स्नान के साथ ही कुंभ मेला अपनी दिव्यता और भव्यता के साथ मंगलवार से शुरू हो गया. कड़कड़ाती ठंड में सुबह पांच बज कर करीब 45 मिनट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और पंचायती अटल अखाड़ा के नागा साधु-सन्यासी अपने लाव-लश्कर के साथ संगम पहुंचे और संगम में डुबकी लगाई. साधु-संतों के अलावा 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भी पवित्र संगम में स्नान कर पुण्य कमाया.


यूपी सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि मैं सभी अखाड़ों, पुलिस, संबंधित विभागों और 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को बधाई देता हूं जिन्होंने पवित्र संगम में स्नान किया. यह गर्व का क्षण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से पहली बार कुंभ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है.




सोमवार को  56 लाख और मंगलवार शाम 5 बजे तक लगभग 1.40 करोड़ लोगों ने किया स्नान

अपर मेलाधिकारी दिलीप त्रिगुणायत ने बताया कि मंगलवार शाम 5 बजे तक लगभग 1.40 करोड़ लोगों के स्नान करने का अनुमान है. सोमवार को लगभग 56 लाख लोगों ने स्नान किया था. इस तरह से सोमवार और मंगलवार को कुल मिलाकर करीब दो करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई.

तीन केंद्रीय मंत्रियों ने भी संगम में लगाई डुबकी

त्रिगुणायत ने बताया कि संगम स्नान करने वाले अति विशिष्ट व्यक्तियों में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उमा भारती और निरंजन ज्योति शामिल हैं. जहां ईरानी ने अरैल घाट से नौका के जरिए संगम आकर स्नान किया, वहीं उमा भारती ने सरस्वती घाट से नौका ली और संगम में डुबकी लगाई. दूसरी ओर, निरंजन ज्योति ने निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर के रूप में शाही स्नान किया.

मंगलवार दोपहर तीन बजे तक एक करोड़ पन्द्रह लाख लोगों ने किया था स्नान

मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह 7 बजे तक करीब 12 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया. वहीं 11 बजे तक यह आंकड़ा 67 लाख पहुंच गया. दिन में धूप खिलने के बाद दोपहर तीन बजे तक पवित्र संगम में स्नान करने वालों की संख्या एक करोड़ पन्द्रह लाख पहुंच गई.

महानिर्वाण और अटल अखाड़े ने की स्नान की शुरूआत

बता दें कि सबसे पहले महानिर्वाण और अटल अखाड़े ने स्नान किया. इसके बाद श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़ा के नागा साधु संतों से शाही स्नान किया. निरंजनी अखाड़ा में सोमवार को महामंडलेश्वर बनीं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री निरंजन ज्योति ने भी शाही स्नान किया. कुंभ में अखाड़ों को निकलने के लिए विशेष मार्गों की व्यवस्था की गई है.

नागा संन्यासियों को देखने उमड़ पड़े लोग

नागा संन्यासियों का शाही स्नान देखने भारी तादाद में लोग संगम क्षेत्र में मौजूद थे. स्नानार्थियों का संगम क्षेत्र में स्वागत करते हुए हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई. चारों ओर उत्साह का माहौल देखते ही बन रहा था.

सबसे बड़ा था जूना अखाड़ा का लश्कर 

आनंद अखाड़ा के शाही स्नान के बाद नागा साधुओं के सबसे बड़े अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा के साधु संन्यासियों ने शाही स्नान किया. जूना अखाड़ा में सैकड़ों की संख्या में नागा साधु संन्यासी शामिल थे और इस अखाड़े का लश्कर सबसे बड़ा था.

जूना अखाड़े के लश्कर में नागा साधुओं के पीछे अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज का रथ था और इनके पीछे जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विश्वंभर भारती जी महाराज का रथ था.

पहली बार किन्नर अखाड़ा के के संन्यासियों ने किया अमृत स्नान

इस मेले में पहली बार किन्नर अखाड़ा के संन्यासियों ने अमृत स्नान किया. किन्नर अखाड़े की अगुवाई इस अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने की. हाल ही में जूना अखाड़ा ने किन्नर अखाड़े को अपने से जोड़ा है. हालांकि अखाड़ा परिषद ने किन्नर अखाड़ा को मान्यता नहीं दी है.

सभी अखाड़ों को शाही स्नान के लिए मिला था आधे से पौन घंटे का समय

सभी अखाड़ों को बारी-बारी से स्नान के लिए आधे से पौन घंटे का समय दिया गया था. सुबह का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम होने के बावजूद बड़ी तादाद में लोग गंगा और संगम में डुबकी लगा रहे थे जिसमें बुजुर्ग भी शामिल थे.

दोपहर लगभग चार बजे तक शेष अखाड़ों- श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा, श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा नया उदासीन, पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन और श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के साधु संतों ने शाही स्नान किया.मेला प्रशासन के अनुसार दिन में धूप खिलने से स्नानार्थियों की संख्या में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई.

खोया-पाया केंद्रों में कुल 1700 लोगों के बिछड़ने के मामले दर्ज हुए

त्रिगुणायत ने बताया कि मंगलवार को सरकार द्वारा स्थापित खोया-पाया केंद्रों और दो एनजीओ द्वारा संचालित खोया-पाया केंद्रों में कुल 1700 लोगों के बिछड़ने के मामले दर्ज किए गए जिसमें से 1500 लोगों को उनके परिजनों से मिला दिया गया, जबकि शेष 200 लोगों को एनजीओ के शिविर में भेजा गया है.

मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि परम पूज्य अखाड़ों के सानिध्य में आज शाही स्नान की परंपरा संपन्न हो रही है. यहां सुरक्षा और साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त की गई है. सभी श्रद्धालुओं को साधु संतों के अच्छे से दर्शन हों, हमने यह प्रयास किया है.