प्रयागराज: प्रयागराज के कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दौरान हुई अव्यवस्था को लेकर अखाड़ों के साधू संतों ने गहरी नाराज़गी जताई है. साधू संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इंतजामों को लेकर कुंभ मेला प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए दस फरवरी को होने वाले बसंत पंचमी के शाही स्नान के बहिष्कार की बात कही है.
अखाड़ा परिषद ने कहा है कि अगर मेला प्रशासन ने अपनी गलतियां सुधारने का वायदा करते हुए पुख्ता इंतजाम नहीं किये तो बसंत पंचमी के शाही स्नान का बहिष्कार किया जाएगा. यह फैसला मेले में आज हुई अखाड़ा परिषद की आपात बैठक में लिया गया.
बैठक में कहा गया कि प्रशासन की लापरवाही से बड़ा पंचायती अखाड़े व निर्मल अखाड़े को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अखाड़ा परिषद की इस बैठक में बुधवार से प्रयाग की परिक्रमा की पुरानी परंपरा को फिर से शुरू किये जाने का फैसला किया गया. बैठक में कई दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा की गई.
बता दें कि साधू संतों की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद की बैठक में फैसला लिया गया है कि प्रयागराज के कुंभ मेले में दस फरवरी के शाही स्नान के बाद नागा सन्यासियों की अगुवाई में अखाड़ों के संत-महात्मा अपनी छावनी व आश्रमों में वापस जाने के बजाय सीधे अयोध्या कूच करेंगे. नागा व दूसरे सन्यासी एक महीने तक अयोध्या में रहकर सत्संग व भजन -कीर्तन के जरिये मोदी सरकार व सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे. अगर तब भी राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ नहीं हुआ तो नागा साधू मंदिर बनाने के बारे में खुद ही कोई फैसला लेंगे.