प्रयागराज: कुंभ में पहले शाही स्नान का दिन भले ही विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों की चकाचौंध से भरपूर रहा किंतु इसके एक दिन बाद बुधवार को भी गंगा, यमुना और पौराणिक नदी सरस्वती के संगम पर पवित्र डुबकी लेने के लिए विदेशी सैलानियों सहित लाखों लोगों का तांता लगा रहा.
संगम में पवित्र डुबकी लगाने का आकर्षण बुधवार को तनिक भी कम नहीं पड़ा. विश्व के सबसे बड़े इस धार्मिक आयोजन में लोगों ने सर्दी की परवाह किए बिना संगम में डुबकी लगायी. मंगलवार को मकर संक्रान्ति होने के कारण लाखों लोगों ने संगम में स्नान किया था.
एक पुलिस अधिकारी ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया,"ईमानदारी से कहा जाए तो हम यह उम्मीद नहीं कर रहे थे भीड़ कम होगी. इसके अलावा अधिकतर सड़कों को आज यात्रियों के लिए खोला गया. यह तो अभी दूसरा ही दिन है. हमें उम्मीद है कि केवल शाही स्नान नहीं बल्कि 50 दिन के मेले में प्रतिदिन ही ऐसा होगा."
प्रशासन ने मंगलवार को कुंभ नगरी परिसर में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. कुंभ नगरी को गंगा नदी के तट पर 32 हजार हेक्टेयर भूमि में बसाया गया है. इसे तंबुओं की नगरी भी कहा जाता है.
रंजन मित्र (28) ने बताया,"हम कल भी आए थे. लेकिन हम डुबकी नहीं लगा सके. कल अखाड़ों का प्रदर्शन था. उन्होंने बहुत समय लगाया. पहले जुलूस में और फिर स्नान में. आज सैलानियों का दिन है."