प्रयागराज: संगम के शहर प्रयागराज में शुरू हो रहे कुंभ मेले में सैकड़ों साधू-संतों ने अभी से डेरा जमा लिया है, लेकिन जूना अखाड़े के महंत गोल्डन बाबा को लेकर एक खबर सामने आई है. श्री महंत गोल्डेन पुरी बाबा को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े ने निष्कासित कर दिया है. गोल्डन बाबा पर अखाड़े के संविधान के उल्लघंन का आरोप लगा है. उन पर मेले के आला अधिकारियों के साथ गलत शब्दों का प्रयोग करने का भी आरोप है.
इतना ही नहीं गोल्डन बाबा पर धोखाधड़ी और मेले में पुलिसकर्मियों को हरिद्वार ले जाने के लिए धमकाने का आरोप लगा है. संतों की महासभा ने रविवार को गोल्डन बाबा को अखाड़े से निष्कासन की कार्रवाई की है. इसके अलावा महासभा ने चार अन्य पदाधिकारियों को भी निष्कासित कर उनके सभी अधिकार छीन लिए हैं.
जिन बाबओं को अखाड़े ने निष्कासित किया है उनमें गोल्डन बाबा के साथ श्रीमहन्त देवेंद्र पुरी, श्रीमहन्त थानापति शिव ओम पुरी, थानापति मनोहर पुरी और सन्यासिनी श्रीमहन्त पूजा पुरी के नाम शामिल हैं. अब श्रीमहन्त गोल्डेन पुरी की जगह श्रीमहन्त केदारपुरी को रमता पंच बनाया गया है.थानापति मनोहर पुरी की जगह भोला पुरी को जिम्मेदारी दी गयी है.
बता दें कि तकरीबन तेईस किलो सोने के आभूषण पहनने वाले गोल्डन बाबा जहां भी जाते हैं, वहां उन्हें देखने वालों की भीड़ लग जाती है. यानी गोल्डन बाबा के शरीर पर तकरीबन साढ़े छह करोड़ रूपये के गहने होते हैं. इतना ही नहीं उनकी कलाई पर बंधी रोलेक्स कंपनी की इम्पोर्टेड घड़ी की कीमत भी सत्ताईस लाख के करीब है. ऊपर से नीचे तक सोने के गहनों से लदे होने की वजह से ही वह हजारों की भीड़ में भी अलग दिखते हैं.
दिल्ली के रहने वाले गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़ है. संत बनने से पहले वह गारमेंट और लाइट्स के कारोबारी थे. हरिद्वार में आश्रम बनाने के बाद गोल्डन बाबा ने खुद को कारोबार से अलग कर लिया, लेकिन बाबा के करीबी उनके कारोबार को आज भी बखूबी संभाल रहे हैं. हालांकि गोल्डन बाबा को अपने अतीत के बारे में बातें करना कतई पसंद नहीं है.