प्रयागराज: प्रयागराज कुंभ मेले में पहली बार शिरकत कर रहे किन्नर अखाड़े को सोमवार को चार नये महामंडलेश्वर और एक पीठाधीश्वर मिले हैं. किन्नर अखाड़े के सेक्टर 12 स्थित शिविर में हजारों लोगों की मौजूदगी में पांच किन्नर माईयों को महामंडलेश्वर की पदवी प्रदान की गई. उन्हें महामंडलेश्वर बनाने से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पट्टाभिषेक किया गया और चादरपोशी की भी रस्म अदा की गई.
किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किन्नर माईयों को महामंडलेश्वर और पीठाधीश्वर की पदवी प्रदान की है. किन्नर अखाड़े ने डॉ शिव प्रिया को जहां अन्तर्राष्ट्रीय महामंडलेश्वर की पदवी दी है. वहीं पायल हरसिद्धि गिरी को महाराष्ट्र का महामंडलेश्वर बनाया गया है. इसके साथ ही पुष्पा और आशा को भी किन्नर अखाड़े ने महामंडलेश्वर की पदवी प्रदान की है।.जबकि आशा महंत को कामाख्या का पीठाधीश्वर बनाया गया है.
किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के मुताबिक चारों महामंडलेश्वर और एक पीठाधीश्वर अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करेंगे. उन्होंने कहा है कि इसके बाद अभी और किन्नर माईयों को महामंडलेश्वर, श्री महंत और पीठाधीश्वर की पदवी दी जायेगी.
बता दें कि किन्नर अखाड़े की स्थापना 2016 में उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ में हुई थी. लेकिन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के तहत आने वाले किसी अखाड़े ने किन्नर अखाड़े को मान्यता नहीं दी थी. जबकि पहली बार प्रयागराज कुम्भ में किन्नर अखाड़े को मान्यता मिली है. सबसे बड़े शैव अखाड़े श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े ने लिखित समझौते के तहत किन्नर अखाड़े को मान्यता भी प्रदान कर दी है. इसके साथ ही किन्नर अखाड़े का अपना अलग वजूद भी बचा हुआ है. किन्नर अखाड़े ने जूना अखाड़े के ही साथ प्रयागराज कुम्भ में तीनों शाही स्नान में भी हिस्सा लिया है.