प्रयागराज: सेक्स स्कैंडल में फंसे बेंगलुरु के विवादित संत स्वामी नित्यानंद को लेकर प्रयागराज के कुंभ मेले में विवाद खड़ा हो गया है. कुंभ मेला प्रशासन ने जहां गंभीर मुकदमा दर्ज होने के आधार पर नित्यानंद को ब्लैक लिस्ट करते हुए उन्हें ज़मीन व दूसरी सुविधाएं देने से साफ़ इंकार कर दिया है, वहीं उनके अखाड़े महानिर्वाणी और अखाड़ा परिषद ने सरकारी अमले के इस फरमान पर सवाल उठाते हुए नाराज़गी जताई है. नित्यानंद सन्यासियों के अखाड़े महानिर्वाणी में महामंडलेश्वर हैं. प्रशासन के इस फैसले के बाद अखाड़ा इस बात को लेकर पशोपेश में है कि ब्लैक लिस्ट किये जाने के बाद नित्यानंद को कुंभ में बुलाया जाए या नहीं. विवादों के चलते ही वह आज महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई में शामिल नहीं हो सके.


सेक्स सीडी सामने आने के बाद विवादों में घिरे बेंगलुरु के चर्चित संत और महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी नित्यानंद सरस्वती की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. साल 2013 के पिछले कुंभ में महामंडलेश्वर बनने वाले नित्यानंद को लेकर अखाड़ों के साधू-संतों ने भले ही नरम रुख अपना रखा हो, लेकिन कुंभ मेला प्रशासन ने उन्हें दागी मानते हुए कोई भी सरकारी सुविधा देने से साफ़ इमकार कर दिया है.


नित्यानंद को पिछले कुंभ में ज़मीन व दूसरी सुविधाएं मिली हुई थीं, लेकिन योगीराज में हो रहे इस बार के कुंभ में उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है. इस बारे में अफसरों का कहना है कि जिन भगवाधारियों के खिलाफ गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज है, उन्हें इस बार कोई भी सरकारी सुविधा नहीं दिए जाने का कड़ा फैसला लिया गया है. नित्यानंद को भी इसी कैटेगरी में माना गया है. हालांकि अफसरों के पास इस बात का जवाब नहीं है कि जब उन्होंने अखाड़ा परिषद द्वारा जारी की गई फर्जी बाबाओं की लिस्ट के आधार पर कार्रवाई की है तो लिस्ट में नाम नहीं होने के बावजूद नित्यानंद को ब्लैक लिस्ट क्यों किया गया है.


निर्मल बाबा और भीमानंद समेत तमाम दूसरे बाबाओं को फर्जी व ढोंगी करार देने वाली साधू संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद नित्यानंद को लेकर हमेशा नरम रुख अपनाया हुआ था. अखाड़ा परिषद की यह नरमी अब भी बरकरार है. अखाड़ा परिषद ने नित्यानंद को ब्लैक लिस्ट किये जाने के कुंभ प्रशासन के फैसले पर नाराज़गी जताई है और कहा है कि सिर्फ मुकदमा दर्ज होने या आरोप लगने भर से किसी के खिलाफ इस तरह की सख्त कार्रवाई की जानी कतई उचित नहीं है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने इस बारे में सीएम योगी से बात कर उनसे दखल देने की मांग करने के भी संकेत दिए हैं.


नित्यानंद जिस महानिर्वाणी अखाड़े के संत हैं, उसने भी मेला प्रशासन के फैसले पर सवाल उठाए हैं. महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और श्री महंत स्वामी जमुना गिरि का कहना है कि अगर नित्यानंद के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है तो बाकी सभी साधू-संतों की भी गहराई से जांच करने के बाद ही उन्हें ज़मीन व दूसरी सुविधाएं दी जानी चाहिए. अखाड़े का कहना है कि प्रशासन के रवैये से दुखी होकर ही नित्यानंद ने न तो अभी तक कुंभ में आने की सूचना दी है और न ही अखाड़े ने उनसे संपर्क किया है.


मेला प्रशासन द्वारा ब्लैक लिस्ट किये जाने की वजह से नित्यानंद का इस बार के कुंभ में आना अधर में लटक गया है. नित्यानंद ने जहां अभी तक अपने अखाड़े को कुंभ में आने के बारे में कोई सूचना नहीं दी है, वहीं अखाड़ा भी खुद से उन्हें बुलाने को लेकर पशोपेश में है. अखाड़ा यह तो मान रहा है कि नित्यानंद उसके महामंडलेश्वर हैं, लेकिन वह कुंभ में आएंगे या नहीं, फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है. वैसे महानिर्वाणी अखाड़ा की रणनीति है कि नित्यानंद के कुंभ में आने का फैसला खुद उन पर ही छोड़ दिया जाए, क्योंकि उन्हें बुलाए जाने पर विवाद का और बढ़ना तय है.