प्रयागराज: प्रयागराज के कुंभ मेले में रेलवे का सबसे बड़ा इम्तिहान चार फ़रवरी को होगा. चार फ़रवरी को मौनी अमावस्या का सबसे बड़ा स्नान होगा जिसमें क़रीब डेढ़ करोड़ से भी ज़्यादा श्रद्धालुओं के कुंभ क्षेत्र पहुँचने का अनुमान है. इनमें से अधिकतर श्रद्धालुओं को सुरक्षित और आसान सेवा देना रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती है.


दरअसल इस बार प्रयागराज कुंभ अपनी भव्यता के कारण जितना ज़्यादा सुर्ख़ियों में है रेलवे के लिए ज़िम्मेदारी और चुनौतियाँ भी उतनी अधिक बढ़ गई हैं. उत्तर रेलवे 258 ट्रेन सर्विस देगा जिनमें 158 एनाउंस हो गई हैं इसमें ज़्यादातर लखनऊ मंडल से चलेंगी. इसके अलावा मुरादाबाद, फ़िरोज़पुर, दिल्ली मंडल से चलेंगी. ये 15 जनवरी से 4 मार्च तक चलेंगी.


मकर संक्रान्ति को उम्मीद से थोड़ी कम भीड़ थी लेकिन मौनी अमावास्या पर भीड़ ज़्यादा होगी. दरअसल 2013 के कुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के बाद ही प्रयागराज रेलवे स्टेशन के प्लेटफ़ार्म नम्बर छह की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर भगदड़ हो गई थी जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी.


यह हादसा उस वक़्त हुआ था जब हज़ारों की संख्या में कुंभ में स्नान करके लौट रहे श्रद्धालु स्टेशन पर जमा थे. ऐसे में इस बार रेलवे वो सभी इंतज़ाम कर रही है जिससे भीड़ को सहजता से नियंत्रित किया जा सके.


इस बार रेलवे ने ऐसा इंतज़ाम किया है कि रेल टिकट लेने के लिए सामान्य यात्रियों को न तो लम्बी लाईन में लगने की मजबूरी है और न ही स्टेशन के टिकट काउंटर पर जाना है. मेला क्षेत्र में जो जहाँ है उसके आस-पास ही रेलवे उन्हें टिकट उपलब्ध करा रही है.


उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और एनई रेलवे मिल कर प्रयागराज कुंभ में यात्रियों की सुविधा के लिए काम कर रहा है. तीनों ज़ोनल रेलवे ने मिलकर कुल 1750 स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं. उत्तर मध्य रेलवे ने कुछ ऐसी सुविधाएँ शुरू की हैं जो गेम चेंजर साबित हो रही हैं. इनमें मोबाईल टिकट काउंटर सबसे अहम् हैं. इसमें हाथ में लेकर चलने वाली आटोमैटिक टिकटिंग मशीन काफ़ी मददगार साबित हो रही है. इस मशीन को लेकर रेलवे कर्मचारी प्रयागराज कुंभ के मेला क्षेत्र के अलग अलग हिस्सों में मौजूद हैं और वहीं पे रेलवे टिकट ख़रीदा जा सकता है. बड़ी संख्या में यात्री इसका लाभ ले रहे हैं.


भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मोबाईल टिकट घर के अलावा रेलवे ने आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से पहली बार सात भाषाओं में एक साथ एनाउंसमेंट की भी व्यवस्था की है. देश भर से आए श्रद्धालुओं के लिए ये एक बड़ी सुविधा है. फ़िलहाल हिंदी के अलावा अंग्रेज़ी, गुजराती, कन्नड़, तमिल और मलयालम में एनाउंसमेंट शुरू हो चुका है. 23 जनवरी से तेलगू, उड़िया और बांग्ला में भी ये सुविधा शुरू हो जाएगी.


पहले की दुर्घटनाओं को देखते हुए ख़ास इंतज़ाम किया गया है. मेले के मीडिया क्षेत्र में रेलवे ने अपनी उपस्थिति बढ़ाई है ताकि सूचनाएँ श्रद्धालु और यात्रियों को जल्दी मिल सकें. मोबाइल टिकटिंग की वजह से स्टेशन पर एक जगह जमाव कम हुआ है. साथ ही भीड़ की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है.


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