प्रयागराज: पाकिस्तान से युद्ध जैसे हालात के बीच भारतीय सेना की हौसला अफजाई और उनकी जीत की कामना के लिए प्रयागराज के कुंभ मेले में जगह-जगह यज्ञ और हवन के आयोजन हो रहे हैं. कहीं सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए पूजा अर्चना की जा रही है तो कहीं सुंदरकांड का पाठ और यज्ञ हो रहा है. धार्मिक आयोजनों के जरिये आतंकवाद के खिलाफ शुरू हुए अभियान में भारतीय सैनिकों की जीत के लिए प्रार्थना की जा रही है. धार्मिक आयोजन करने वाले संतों का कहना है कि पूजा-अर्चना और यज्ञ से सैनिकों की रक्षा तो होगी ही साथ ही मनोबल भी बढ़ेगा. एयर स्ट्राइक के बाद से धार्मिक मेले कुंभ में राष्ट्रप्रेम के नारे लगातार गूंज रहे हैं.
पड़ोसी देश पाकिस्तान से खराब होते रिश्तों के मद्देनजर संगम के शहर प्रयागराज में लगे आस्था के सबसे बड़े मेले कुंभ में भी अलर्ट घोषित कर यहां की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है. कुंभ मेले में पुलिस -प्रशासन- मीडिया व इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी वाहनों के अंदर आने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है.
सभी इंट्री प्वाइंट्स, पुलों व बैरियर्स पर पुलिस के साथ ही पैरा मिलिट्री फ़ोर्स को भी लगा दिया गया है. संदिग्ध लोगों को तलाशी के बाद ही अंदर आने की इजाजत दी जा रही है. एनएसजी और एटीएस के कमांडोज़ पूरे मेला क्षेत्र में आपरेशन क्लीन स्वीप चला रहे हैं.
पाकिस्तान के खिलाफ हुई एयर स्ट्राइक के बाद अफसरान लगातार बैठक कर सुरक्षा की समीक्षा कर रहे हैं. मेला क्षेत्र में जगह जगह चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है तो साथ ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये भी लोगों को सजग रहने की नसीहत दी जा रही है.
पूरे मेला क्षेत्र को फिर से छावनी में तब्दील किया जा रहा है. संगम नोज़ - अक्षयवट और हनुमान मंदिर जाने वाले लोगों की ख़ास निगहबानी की जा रही है. हेलीकॉप्टर्स के ज़रिये भी मेले की निगहबानी हो रही है तो साथ ही गंगा और यमुना में भी जल पुलिस लगातार मुस्तैद है.
अफसरों का कहना है कि मेले को लेकर कोई स्पेसिफिक इनपुट नहीं है, लेकिन भारी भीड़ और धार्मिक महत्व होने की वजह से यहां अब विशेष चौकसी बरती जा रही है.मेले से अखाड़ों के साधू संतों व कल्पवासियों की वापसी हो चुकी है, लेकिन यहां अब भी रोज़ाना पंद्रह से बीस लाख श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आ रहे हैं.