Kumbh Mela 2019: जियो ट्यूब से गंगा का पानी साफ कर रही है योगी सरकार, श्रद्धालुओं को मिलेगा निर्मल गंगा जल में डुबकी लगाने का मौका
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को इतना साफ गंगा जल मिलेगा, जो पिछले पचास सालों में नहीं मिला होगा. उनका दावा है कि श्रद्धालु इस बार गंगा स्नान करने के बाद खुश होकर अपने घरों को वापस लौटेंगे.
प्रयागराज: प्रयागराज में शुरू हो रहे कुंभ मेले में देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु इस बार निर्मल गंगा जल में आस्था की डुबकी लगा सकेंगे. दावा है कि नालों-सीवर व टेनरियों का गंदा पानी इस बार कतई गंगा में नहीं गिर रहा है. यूपी की योगी सरकार ने इसके लिए ख़ास जियो ट्यूब टेक्नालॉजी का इस्तेमाल किया है. जियो ट्यूब टेक्नालॉजी के ज़रिये गंदा पानी पूरी तरह ट्रीट होने के बाद ही गंगा में छोड़ा जा रहा है. गंगा में जाने वाले पानी की क्वालिटी का एंड्राइड एप के ज़रिये सेटेलाइट डिस्प्ले भी किया जा रहा है. देश में हाल ही में लांच हुई जिओ ट्यूब टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किसी भी कुंभ में पहली बार किया जा रहा है.
प्रयागराज के कुंभ मेले में इस बार तकरीबन पंद्रह करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. देश ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले ये श्रद्धालु निर्मल गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर अपने जन्म-जन्मांतर के पाप धोने के लिए आते हैं. हाल के दिनों में गंगा में फैले प्रदूषण पर मचे कोहराम के बाद यूपी की योगी सरकार ने इस बार जियो ट्यूब टेक्नालॉजी का इस्तेमाल शुरू किया है. महज कुछ ही दिनों पहले शुरू हुई इस तकनीक के जरिये बेहद कम समय व खर्च में नालों-सीवर व टेनरियों के गंदे पानी को तकरीबन पूरी तरह साफ़ कर दिया जाता है.
इस टेक्नालॉजी के जरिये नालों और टेनरियों से आने वाले गंदे पानी को मोटे पाइप के जरिये जियो ट्यूब में डाला जाता है. तकरीबन एक लाख लीटर पानी की क्षमता वाली दो जियो ट्यूब अगल बगल एक साथ लगी होती हैं. पहली ट्यूब ख़ास तकनीक के ज़रिये पानी और गंदगी को अलग कर देती है. गंदगी से अलग हुआ साफ़ पानी पहली ट्यूब से खुद ही दूसरे ट्यूब में चला जाता है. दूसरी ट्यूब में कुछ केमिकल पड़े होते हैं जो पानी की शुद्धता को मानकों पर पूरी तरह खरा उतार देते हैं. कुंभ मेले में जियो ट्यूब तकनीक के ज़रिये साफ़ पानी ही गंगा में भेजने वाली कंपनी इंजिओ दृष्टा के सीईओ रजनीश मेहरा का दावा है कि दूसरी ट्यूब से साफ़ होकर निकला पानी इतना शुद्ध होता है कि उसे बिना हिचक के पिया भी जा सकता है.
जियो कंपनी के जरिये योगी सरकार ने संगम के आस-पास कुंभ मेला क्षेत्र में जियो ट्यूब के कई प्लांट लगवाए हुए हैं. गंगा के नजदीक तक पहुंचे गंदे पानी और जियो ट्यूब से साफ़ हुए पानी के नमूने को देखकर ही उसकी क्वालिटी का अंदाजा लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं इंजिओ दृष्टा कंपनी के हर प्लांट पर एक मशीन भी लगी होती है, जो गंदे और शोधित होकर बाहर निकले साफ़ पानी की क्वालिटी भी दिखाती है. क्वालिटी को सेटेलाइट डिस्प्ले के जरिये एप्प के माध्यम से कहीं से भी देखा जा सकता है. गंदे और जियो ट्यूब के जरिये शोधित हुए पानी की क्वालिटी में नब्बे से सौ फीसदी के बीच फर्क आता है. देश में लगने वाले किसी भी कुंभ में जियो ट्यूब तकनीक का इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है.सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के मुकाबले यह तकनीक न सिर्फ काफी सस्ती है बल्कि यह काफी कम समय लेती है और साथ ही इसमें शुद्धता की संभावना कई गुना ज़्यादा होती है. कुंभ मेले के आस पास के इलाकों में यह प्लांट महज तीन हफ्ते में ही काम करने लगे हैं. यहां से निकले हुए पानी की वजह से ही संगम के नजदीक गंगा जल का रंग और उसकी क्वालिटी काफी बदली हुई नजर आ रही है. गंगा सफाई को लेकर काम करने वाले जानकार भी जियो ट्यूब तकनीक को काफी कारगर बता रहे हैं और हर जगह इसी के इस्तेमाल की दलील दे रहे हैं.
खुद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कई बार यह कह चुके हैं कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को इतना साफ गंगा जल मिलेगा, जो पिछले पचास सालों में नहीं मिला होगा. उनका दावा है कि श्रद्धालु इस बार गंगा स्नान करने के बाद खुश होकर अपने घरों को वापस लौटेंगे.
यूपी सरकार की कोशिश है कि इस बार कुंभ के दौरान गंगा में नालों-सीवर और टेनरियों का गंदा पानी कतई न जाने पाए. इसी वजह से उसने नालों को या तो ट्रैप करा दिया है या फिर उसके गंदे पानी को जियो ट्यूब तकनीक से साफ़ कर ही गंगा में छोड़ा जा रहा है. कुंभ में सरकार की यह कोशिश कितनी कारगर साबित होगी, इसका फैसला तो वक्त करेगा, लेकिन यह कहा जा सकता है कि पिछले कुछ सालों के मुकाबले श्रद्धालुओं को इस बार ज़्यादा निर्मल गंगा जल में डुबकी लगाने का मौका ज़रूर मिलेगा. ऐसा इसलिए. क्योंकि सरकार की कोशिशों का असर अभी से दिखने भी लगा है.